कोविड-19: दिल्ली में 1 जून के बाद सबसे कम केस, 42 फीसदी बढ़ी बेड की संख्या
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब कोरोना वायरस (कोविड-19) के 11 हजार से भी कम मामले बचे हैं। ये आंकड़ा 1 जून के बाद से सबसे कम है। ताजा आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में मरीजों के लिए बीते महीने के मुकाबले 42 फीसदी से ज्यादा बेड हैं। ऐसे में अगर यहां मामले बढ़ते भी हैं, तो भी दिल्ली उनसे निपटने के लिए पहले से ही तैयार है। दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जहां 26 जून को 27,657 मामले थे, वहीं इस रिववार को 10,994 मामले ही बचे।
Recommended Video
करीब एक महीने पहले तक यही माना जा रहा था कि दिल्ली में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 26 जून को 3460 नए मामले सामने आए थे, यानी उस दिन होने वाले टेस्ट में से 16 फीसदी पॉजिटिव निकले थे। वहीं रविवर को पॉजिटिविटी दर 5.32 फीसदी पर पहुंच गई है। सोमवार को जारी दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटिन को देखें तो पता चलता है कि कुल अस्पतालों के पांचवें हिस्से से भी कम में कोविड-19 मरीजों का इलाज चल रहा है, यानी केवल 2835 मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं।
दिल्ली कोरोना एप की मानें तो विभिन्न सरकारी, निजी अस्पतालों और अन्य केंद्रों में कोविड मरीजों के लिए 15,451 बेड हैं। इनमें से 2095 बेड पर आईसीयू की सुविधा है। सोमवार तक इनमें से 36 फीसदी का इस्तेमाल किया जा रहा था। 2835 बेड कुल बेड का केवल 18.35 फीसदी है। पिछले हफ्ते स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि सरकार की योजना ये सुनिश्चित करने की थी कि बेड की संख्या सक्रिय कोरोना मामलों से तीन गुना ज्यादा हो क्योंकि तब मामलों में वृद्धि हो रही थी।
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है, आज हमें दिन के 1000 मामले मिल रहे हैं, लेकिन हमें ये नहीं पता कि ये संख्या कब तक ऐसे ही बनी रहेगी। ऐसे में अगर संख्या बढ़ती है तो उसके लिए भी तैयारी पूरी है। हाल ही में दिल्ली सीरो सर्वे के परिणाम आए थे, जिसके बाद जैन ने कहा था कि दिल्ली में अब हर महीने सीरो सर्वे किया जाएगा। हर महीने की 1-5 तारीख के बीच में ये सर्वे होगा। इसके साथ ही पिछली बार से अधिक लोगों के सैंपल लिए जाएंगे। समय पर बैठक करके ये निर्णय भी लिया जाएगा कि कोविड-19 से लड़ाई के लिए और तैयारी की जरूरत है या नहीं। हालांकि दूसरे सीरो सर्वे के नतीजे के बाद ये फैसला होगा।
कोरोना
महामारीः
जानिए
कब
और
कैसे
सामान्य
होंगे
चुनौतीपूर्ण
हालात,
क्या
कहते
हैं
विशेषज्ञ?