मंगलवार से पक रही है खास दाल, जो शपथ ग्रहण के मेहमानों को खिलाई जाएगी
शपथ ग्रहण समारोह के मेहमानों के लिए एक खास तरह की दाल भी पकाई गई है। आखिर क्या है इस दाल में खास...
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद नरेंद्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं। 'मोदी लहर' के दम पर भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में 303 सीटों पर जीत का परचम लहराया है, वहीं एनडीए को 353 सीटें मिली हैं। शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए के नेताओं, विदेशी मेहमानों और विपक्ष के कई बड़े नेताओं समेत करीब 8 हजार लोग शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों और पश्चिम बंगाल की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को भी निमंत्रण भेजा गया है। आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। वहीं, शपथ ग्रहण समारोह के मेहमानों के लिए एक खास तरह की दाल भी पकाई गई है, जिसे तैयार करने में पूरे 48 घंटे का समय लगा है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है इस दाल में खास...
क्यों खास है दाल रायसीना?
पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ लेने के बाद समारोह में आए मेहमानों को डिनर में हल्का खाना परोसा जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह के डिनर की सबसे बड़ी खासियत एक विशेष तरह की दाल है, जिसका नाम है 'दाल रायसीना'। इस खास दाल को तैयार किया है, राष्ट्रपति के शेफ मछिन्द्र कस्तूरे ने। दाल रायसीना 'मां की दाल' का ही एक प्रकार है, जिसे कस्तूरे ने राष्ट्रपति भवन की रसोई में ही सबसे पहले तैयार किया था और राष्ट्रपति को इसका स्वाद चखाया। साबुत उड़द काली दाल और टमाटर की प्यूरी में केसर के साथ स्वाद के बेजोड़ मिश्रण से बनी 'दाल रायसीना' आज के डिनर की सबसे खास डिश रहने वाली है। इस दाल को पकाने में पूरे 48 घंटे का समय लगा है और मंगलवार रात से ही कस्तूरे ने शपथ ग्रहण समारोह में आने वाले मेहमानों के लिए 'दाल रायसीना' को तैयार करना शुरू कर दिया था।
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वेज-नॉनवेज भोजन की खास व्यवस्था
मछिन्द्र कस्तूरे को पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति भवन में पहले शेफ के तौर पर नियुक्त किया था। प्रतिभा पाटिल से पहले के राष्ट्रपति अपने-अपने निजी रसोइयों को ही राष्ट्रपति भवन में साथ रखते थे। समारोह में शाकाहारी मेहमानों के लिए समोसे से लेकर राजभोग और लेमन टार्टस की भी व्यवस्था की गई है। वहीं नॉनवेज खाने वाले मेहमानों के लिए भी कई तरह खास डिश तैयार की गई हैं। पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में ही आयोजित किया जाएगा। यह देश के इतिहास में चौथी बार होगा जब प्रधानमंत्री दरबार हॉल के बजाय राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ लेंगे। दरअसल दरबार हॉल में केवल 500 लोगों के लिए ही इंतजाम की व्यवस्था हो पाती है। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में करीब 8 हजार मेहमानों के आने की संभावना है।
सुरक्षा के लिए 10 हजार जवानों की तैनाती
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। शपथ ग्रहण को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है, जिसके मुताबिक मध्य दिल्ली और नई दिल्ली के इलाकों में व्यापक स्तर पर वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए कई सड़कें आज शाम चार बजे ही बंद कर दी जाएंगी। ऐसे में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नई दिल्ली क्षेत्र में प्रवेश करने से बचें। इसके अलावा शपथ ग्रहण के लिए दिल्ली पुलिस के 10 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है। कई महत्वपूर्ण इमारतों पर अचूक निशानेबाजों को तैनात किया गया है, जबकि करीब दो हजार जवानों को पीएम मोदी और विदेशी मेहमानों के आने के मार्ग पर तैनात किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह शाम को सात बजे से शुरू होगा।
शपथ ग्रहण में नहीं आएंगे ये 5 सीएम
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हालांकि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, केरल के सीएम पिनरई विजयन, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक शामिल नहीं होंगे। ममता बनर्जी ने हालांकि पहले पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आने की बात कही थी, लेकिन बाद में एक बयान जारी करते हुए आने से इंकार कर दिया। ममता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस मौके का भी राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। दरअसल पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पश्चिम बंगाल में हिंसा का शिकार हुए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों को भी निमंत्रण भेजा गया है, जिसे लेकर ममता ने समारोह में आने से मना कर दिया।
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