कोरोना की तीसरी संभावित लहर का मुंबई पर नहीं होगा अधिक असर, TIFR की रिपोर्ट ने बताई वजह
मुंबई, 30 जून। देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही तीसरी लहर देश में आ सकती है। इस बीच टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर का ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि यहां पहले ही 80 फीसदी लोग संक्रमित हो चुके हैं। मुंबई वासियों में कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी काफी बढ़ गई है,जिसके चलते कोरोना की तीसरी लहर का मुंबई पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा।
20
फीसदी
ही
लोग
नहीं
हुए
हैं
संक्रमित
टीआईएफआर
के
डीन
डॉक्टर
संदीप
जुनेजा
ने
बताया
कि
अगर
लोगों
को
फिर
से
कोरोना
होता
है
कि
संक्रमण
के
मामलों
में
इजाफा
होगा।
भारत
में
महामारी
के
17
महीने
हो
गए
हैं,
पहली
लहर
में
2020
में
जो
लोग
संक्रमित
हुए
थे,
उनमे
एंटीबॉडी
कम
हुई
है,लिहाजा
वो
लोग
फिर
से
संक्रमित
हो
सकते
हैं।
डॉक्टर
जुनेजा
ने
कहा
कि
अगर
शहर
के
20
फीसदी
लोग
जो
संक्रमित
नहीं
हुए
हैं
उन्हें
वैक्सीन
लग
गई
है
तो
तो
फिर
से
संक्रमित
होने
वाले
लोगों
पर
नजर
रखी
जा
सकती
है।
इन
लोगों
पर
होगा
अधिक
असर
रिपोर्ट
में
यह
भी
कहा
गया
है
कि
अगर
80
फीसदी
लोग
जो
पहले
ही
संक्रमित
हो
चुके
हैं
उनमे
से
10
फीसदी
लोग
फिर
से
संक्रमित
हो
सकते
हैं
या
फिर
इन
लोगों
में
डेल्टा
वेरिएंट
का
संक्रमण
हो
सकता
है।
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
कोरोना
की
तीसरी
लहर
आती
है
तो
इसका
सबसे
अधिक
असर
गरीबों
पर
होगा।
जो
लोग
कोरोना
प्रोटोकॉल
का
पालन
नहीं
करेंगे
उन्हें
इसका
सबसे
ज्यादा
खतरा
होगा।
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दूसरी
लहर
से
ज्यादा
खतरनाक
नहीं
होगी
तीसरी
लहर
कोरोना
की
संभावित
तीसरी
लहर
को
लेकर
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
यह
दूसरी
लहर
से
ज्यादा
खतरनाक
नही
होगी।
दोबारा
संक्रमण
पहले
की
तुलना
में
अगर
कम
असरकारक
है,
दूसरा
वैरिएंट
लोगों
में
नहीं
आया
और
लोग
कोरोना
का
टीका
ले
चुके
हैं
तो
तीसरी
लहर
का
शहर
पर
बहुत
ज्यादा
असर
नहीं
होगा।
दूसरी
लहर
के
दौरान
एक
दिन
में
सर्वाधिक
संक्रमण
के
मामले
की
बात
करें
तो
यह
11202
था,
जबकि
दिल्ली
और
बेंगलुरू
में
यह
28000
और
25000
से
अधिक
था।
दिल्ली
और
बेंगलुरू
की
तुलना
में
कोरोना
की
दूसरी
लहर
का
असर
मुंबई
पर
कम
देखने
को
मिला
है।