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सामने आया डॉक्टर पायल तड़वी का सुसाइड नोट.....'सब कुछ असहनीय हो गया है'

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नई दिल्ली- मुंबई की डॉक्टर पायल तड़वी केस में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में अब तीन पेज का सुसाइड नोट सामने आया है, जिसमें उसने तीनों आरोपियों को उसके और उसकी क्लासमेट स्नेहल की हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सिविक हॉस्पिटल के मेडिकल नोट पेपर पर डॉक्टर तड़वी ने खुलासा किया है कि कैसे सीनयर्स द्वारा की जाने वाली प्रताड़ना को बर्दाश्त करना उसके लिए असहनीय हो गया था।

आई एम रियली सॉरी मॉम एंड डैड- पायल तड़वी

आई एम रियली सॉरी मॉम एंड डैड- पायल तड़वी

डॉक्टर पायल तड़वी ने खुद के साथ असहनीय टॉर्चर के लिए तीनों आरोपियों- डॉक्टर हेमा आहूजा, डॉक्टर भक्ति मेहारे और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल को कसूरवार ठहराया है। तड़वी ने लिखा है कि यही तीनों उसके और उसकी क्लासमेट स्नेहल की स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। उसने ये भी लिखा है कि कैसे प्रताड़ना की शिकायत करने पर गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर्स ने उसे नीचा दिखाया है। उसने लिखा है, "अपनी जान लेने के लिए मॉम और डैड मुझे माफ करना। मुझे पता है कि मैं आप सबके लिए कितनी मायने रखती हूं और आप लोग तो मेरे लिए पूरा संसार हो, लेकिन नहीं, यह सबकुछ असहनीय हो चुका है। मैं उनके साथ एक मिनट भी नहीं टिक सकती। एक साल से उन्हें झेल रही हूं, ये सोचकर कि एक दिन ये सब खत्म हो जाएगा। लेकिन अब मैं सिर्फ अंत देख रही हूं, सच में इससे निकलने का कोई रास्ता नहीं है। मैं कोई रास्ता नहीं निकाल पाई।" यही नहीं उसने लिखा है कि उसे समझ नहीं आ रहा कि उसने उनका क्या बिगाड़ा है। सुसाइड नोट के मुताबिक, "मैंने यह फैसला हर तरह की कोशिश कर लेने के बाद किया है। मैंने पाया कि हमारे साथ कोई खड़ा नहीं है, इस विभाग में कोई समर्थन करने को तैयार नहीं है। सच तो ये है कि सभी गलती हमारी ही है, हम ही गलत हैं, यही निष्कर्ष निकाला जा चुका है।"

मुझे लेबर रूम में जाने से रोक दिया गया है- तड़वी

मुझे लेबर रूम में जाने से रोक दिया गया है- तड़वी

महाराष्ट्र के जलगांव की रहने वाली डॉक्टर तड़वी ने सुसाइड नोट में ये भी जिक्र किया है कि गाइनेकोलॉजिस्ट बनने के लिए वह कितनी उत्साही थी। उसने बताया है कि आरोपी कैसे उसे मरीजों और स्टाफ के सामने तक रोजाना प्रताड़ित करते थे। उसने लिखा है, "मुझे पिछले तीन हफ्तों से लेबर रूम को संभालने से रोक दिया गया है, क्योंकि वे मुझे सक्षम नहीं मानते। मुझे ओपीडी के दौरान लेबर रूम से बाहर रहने को कहा गया है....वे मुझे मरीजों को देखने की इजाजत नहीं दे रहे, मैं जो भी कर रही हूं वह सिर्फ कलर्क वाला काम है।" तड़वी की मां अबेदा ने भी अपनी शिकायत में इस बात का जिक्र किया था कि जातिगत भेदभाव के चलते उनकी बेटी को महत्वपूर्ण काम करने से रोका जाता है। गौरतलब है कि डॉक्टर पायल तड़वी अनुसूचित जनजाति की तड़वी भील समुदाय की लड़की थी।

22 मई को पंखे से लटकी मिली थी

22 मई को पंखे से लटकी मिली थी

गौरतलब है कि नायर अस्पताल में गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की सेकंड इयर की स्टूडेंट तड़वी पिछले 22 मई को अपने कमरे में सीलिंग फैन से लटकी हुई मिली थी। जब तड़वी को ट्रॉमा रूम ले जाया गया था, उसी दौरान आरोपियों ने कथित रूप से ऑरिजिनल सुसाइड नोट को नष्ट कर दिया था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उस सुसाइड नोट की तस्वीर तड़वी के फोन में पाया था, जिसे पिछले हफ्ते दायर की चार्जशीट में लगा दिया गया। इस मामले की तीनों आरोपियों को मई में ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वो अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत याचिकाओं पर बॉम्बे हाई कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करने वाला है।

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English summary
Mumbai doctor Payal Tadvi blames seniors for harassment in suicide note
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