बीएमसी दोबारा बनवाएगा अपने कर्मचारियों की गलती से ढहाया गया विधवा का घर
मुंबई। बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कर्पोरेशन (बीएमसी) एक घर को अवैध निर्माण बताकर तोड़ने के बाद घिर गई है दरअसल, जिस घर को बीएमसी ने ढहाया तो वैध था, जिसपर घर के मालिक ने कार्रवाई की बात कही तो अब बीएमसी के अधिकारियों ने अपने किए के लिए माफी मांगते हुए फिर से घर को बनवाने का वादा किया है। घर एक विधवा का है, जो यहां तीन बच्चों के साथ रह रही थी। मामला मुंबई के दहिसर इलाके का है, जहां मंगलवार को बीएमसी ने ये कार्रवाई की थी।
कमिश्नर ने मांगी लिखित माफी
बीएमसी ने मंगलवार को दहिसर इलाके में अतिक्रमणों हटाने को लेकर अभियान चलाया था। इस दौरान अवैध निर्माण को बीएमसी ने हटवाया लेकिन इसी दौरान एक ऐसा घर भी बीएमसी के कर्मचारियों ने तोड़ दिया, जो पूरी तरह से वैध था। इस घर में महिला ज्योति पेडी अपने तीन बच्चों के साथ रह रही थी। महिला जब अपनी मकान के तमाम कागजात लेकर अधिकारियों के पास पहुंची तो उन्हें गलती का अहसास हुआ। गुरुवार को बीएमसी को असिसटेंट म्यूनिसिपल कमीश्नर ने लिखित में पीड़िता ज्योति पेड्डी से माफी मांगी है।
बीएमसी फिर से बनवाएगा घर
घर की मालिक ज्योति को बीएमसी अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि वो उनके घर को फिर से बनवाएंगे। बीएमसी ने ज्योती को चिट्ठी लिख कहा है कि आपका बीएमसी कर्मचारियों ने गलती से गिरा दिया गया है। इसके लिए हम शर्मिंदा हैं और आपसे वादा करते हैं कि आपका हम फिर से बनवाएंगे। कई बीएमसी अधिकारियों ने खुद ज्योति से मिलकर भी फिर से उनका मकान बनवाने का भरोसा दिया है।
स्थानीय नेताओं ने भी जताया विरोध
महिला और बच्चों के बीएमसी की गलती की वजह से बेघर हो जाने को लेकर आसपास के लोगों और स्थानीय नेताओं में गुस्सा है। शिव सेना की स्थानीय कोर्परेटर शीतल महात्रे ने इस पर कहा है कि ज्योति का घर एक प्राइवेट प्रॉपर्टी के कंपाउंड में आता है जिसका सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट से कोई लेना देना नहीं था। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी हैं हम उनके खिलाफ केस दर्ज कराएंगे। (तस्वीरें-सांकेतिक)
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