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रॉकेट का अविष्‍कारक वैदिक ऋषि को बताने पर नोबेल पुरस्‍कार विजेता वी रामकृष्णन बोले देश होगा बदनाम

यूनिवर्सिटी के डायरी प्‍लानर में प्राचीन भारत के ऋषियों को रॉकेट, हवाईजहाज और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का जनक बताने से पूरी दुनिया में महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी और देश की बदनामी होगी।

By Sachin Yadav
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वडोदरा। गुजरात के वडोदरा स्थित महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र और नोबेल पुरस्‍कार विजेता वेंकटरमन रामकृष्णन ने कहा कि यूनिवर्सिटी के डायरी प्‍लानर में प्राचीन भारत के ऋषियों को रॉकेट, हवाईजहाज और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का जनक बताने से पूरी दुनिया में महाराज सयाजीराव यूनिवर्सिटी और देश की बदनामी होगी।

रॉकेट का अविष्‍कारक वैदिक ऋषि को बताने पर नोबेल पुरस्‍कार विजेता वी रामाकृष्णन बोले देश होगा बदनाम

वेंकटरमन रामाकृष्णन को मिला नोबेल पुरस्‍कार

आपको बताते चले कि वेंकटरमन रामाकृष्णन को राइबोजोम की संरचना पर उनके रिसर्च के लिए वर्ष 2009 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला था। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जब अखबार के रिपोर्टर ने वेंकटरमन रामकृष्णन से ईमेल के जरिए उसकी राय जाननी चाही थी। इस मुद्दे पर उन्‍होंने 23 मार्च को अपना जवाब इंडियन एक्‍सप्रेस को भेजकर अपनी राय से अवगत कराया। इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस ने ही इस बावत पूरी खबर नौ मार्च प्रकाशित की थी।

वैदिक ऋषि भारद्वाज ने किया रॉकेट का अविष्‍कार?

इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने अपने वार्षिक डायरी-प्लानर में प्राचीन भारत का विज्ञान में योगदान का जिक्र करते हुए वैदिक ऋषि भारद्वाज को रॉकेट और हवाईजहाज का आविष्कार, आचार्य कणाद को न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी विकसित करने वाला, सुश्रुत को कॉस्मेटिक सर्जरी का जनक, कपिल मुनि को ब्राह्मण्ड विज्ञान का जनक, चरक ऋषि को औषधि विज्ञान का जनक और गर्ग मुनि को नक्षत्र विज्ञान का जनक बताया है। यूनिवर्सिटी के डायरी-प्लानर में वेदों में ऋषियों-मुनियों के साथ ही आधुनिक भारतीय वैज्ञानिकों जेसी बोस, विक्रम साराभाई और सीवी रमन को भी स्‍थान दिया गया है।

गणित में भारत का महान योगदान

वेंकटरमन रामकृष्णन ने इंडियन एक्‍सप्रेस को लिखे जवाब में कहा कि भारत ने अतीत में कई बड़ी खोज की हैं। इसका सर्वोत्तम उदाहरण शून्य और दशमलव पद्धति की खोज है, जिसने अंकगणित और साथ ही गणित की पूरी दिशा और दशा तय कर दी। उसके बाद सीवी रमन, एनएन बोस, जेसी बोस, (मेघनाद) साहा जैसे भारतीयों ने की कई महान खोज की हैं। उन्‍होंने इससे आगे लिखा कि भारत की आजादी की 70वीं वर्षगांठ पर लंदन स्थित विज्ञान संग्रहालय विज्ञान और गणित में भारत के योगदान पर एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित करने की योजना तक बना रहा है।

यूनिवर्सिटी और भारत की बदनामी होती

वेंकटरमन रामकृष्णन ने विश्वविद्यालय के कदम पर चर्चा करते हुए लिखा कि भारत के इन वास्तविक योगदान को तवज्जो देने की जगह न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी, हवाईजहाज और कॉस्मेटिक सर्जरी जैसी आधुनिक विज्ञान की खोजों का श्रेय धार्मिक ग्रंथों में लिखे लोगों को देना निराशाजनक है। यूनिवर्सिटी के लोगों ऐसा लग रहा होगा कि वो देशभक्ति का काम कर रहे हैं पर वास्तव में इससे यूनिवर्सिटी और भारत की बदनामी होती है। मैं यूनिवर्सिटी से मांग करता हूं कि आधिकारिक डायरी-प्लानर से इन चीजों को हटाकर उसे फिर से छपवाया जाए।

English summary
MSU diary with sadhus as inventors brings disrepute to India: Nobel Laureate venkatraman ramakrishnan
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