मोदी सरकार ने 8 महीने में 1.5 करोड़ गरीब परिवारों को दिए मुफ्त LPG कनेक्शन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, खाना बनाने में लकड़ी और कोयले के इस्तेमाल से उठने वाला धुंआ हर घंटे करीब 400 सिगरेट के धुंए के बराबर है। इससे काफी गंभीर बीमारियां होने का भी खतरा है
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बजट सत्र 2016-17 में उज्ज्वला योजना के तहत डेढ़ करोड़ करीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का टारगेट महज आठ महीने में ही पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह योजना उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 1 मई को आयोजित एक रैली में लॉन्च की थी। इस योजना का लक्ष्य साल 2019 तक देश के पांच करोड़ गरीब परिवारों मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देना है। इसके लिए इस बजट सत्र में 2000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था।
10
करोड़
परिवारों
के
पास
नहीं
एलपीजी
पेट्रोलियम
मंत्री
धर्मेंद्र
प्रधान
ने
व्यक्तिगत
तौर
पर
इस
योजना
को
आगे
बढ़ाने
में
भरपूर
योगदान
दिया
है।
योजना
के
तहत
जिन
परिवारों
को
मुफ्त
एलपीजी
कनेक्शन
उपलब्ध
कराया
गया
है
उनमें
35
फीसदी
अनुसूचित
जाति
और
अनुसूचित
जनजाति
के
लोग
हैं।
आंकड़ों
के
मुताबिक
देश
में
24
करोड़
से
ज्यादा
परिवारों
में
से
10
करोड़
ऐसे
हैं
जिनके
पास
एलपीजी
कनेक्शन
नहीं
है
और
वे
लकड़ी
के
चूल्हे
और
कोयले
का
इस्तेमाल
करके
खाना
बनाते
हैं।
'उज्ज्वला'
योजना
के
तहत
न
सिर्फ
गरीब
परिवारों
को
एलपीजी
कनेक्शन
उपलब्ध
कराने
का
लक्ष्य
रखा
गया
है
बल्कि
इसके
जरिए
ग्राणीण
इलाकों
में
महिलाओं
के
स्वास्थ्य
को
बेहतर
बनाने
की
भी
कोशिश
है।
पढ़ें: PM नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद पहले इंटरव्यू में मनमोहन सिंह पर साधा निशाना
सरकार
ने
इन
राज्यों
में
दिया
विशेष
ध्यान
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
(WHO)
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
खाना
बनाने
में
लकड़ी
और
कोयले
के
इस्तेमाल
से
उठने
वाला
धुंआ
हर
घंटे
करीब
400
सिगरेट
के
धुंए
के
बराबर
है।
इससे
काफी
गंभीर
बीमारियां
होने
का
भी
खतरा
है।
इसके
अलावा
खाना
बनाने
के
लिए
महिलाओं
और
बच्चों
को
लकड़ियां
इकट्ठा
करने
के
लिए
भी
भटकना
पड़ता
है।
योजना
का
उद्देश्य
है
कि
मुफ्त
एलपीजी
कनेक्शन
मिलने
के
बाद
उन्हें
लकड़ियां
इकट्ठा
करने
की
जरूरत
नहीं
होगी
और
न
ही
धुएं
को
झेलना
पड़ेगा।
इससे
उनका
काफी
समय
भी
बचेगा
जिसे
वे
दूसरे
कामों
में
लगा
सकेंगी।
पूर्वी
और
पहाड़ी
इलाके
जहां
राष्ट्रीय
औसत
के
मुकाबले
एलपीजी
उपभोक्ताओं
की
संख्या
बेहद
कम
थी,
उन
पर
सरकार
ने
विशेष
ध्यान
दिया
है।
सरकार
ने
जम्मू-कश्मीर,
उत्तराखंड,
हिमाचल
प्रदेश
और
नॉर्थ
ईस्ट
के
दूसरे
राज्यों
में
उज्जवला
योजना
के
तहत
एलपीजी
कनेक्शन
देने
को
प्राथमिकता
पर
रखा
है।