देश विरोधी एजेंडे को रोकने के लिए सरकार ला रही नई सोशल मीडिया नीति
नई दिल्ली। फेसबुक, व्हाट्स एप और ट्विटर के जरिए चलाए जा रहे देश विरोधी एजेंडे पर लगाम लगाने के लिए अब सरकार नई सोशल मीडिया पॉलिसी लाने की तैयारी में है। सरकार इस पॉलिसी के जरिए इस बात पर नजर रखेगी कि कहीं सोशल मीडिया के जरिए देश विरोधी एजेंडा तो नहीं चलाया जा रहा है और कहीं इसका दुरुप्रयोग तो नहीं किया जा रहा।
गृह मंत्रालय और एजेंसियों की मीटिंग
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस संबंध में गृह मंत्रालय और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की एक मीटिंग हुई है। मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा की गई है। वर्तमान समय में सिर्फ कुछ 'डूज' और 'डोन्ट' की ही एक लिस्ट सोशल मीडिया के लिए मौजूद है और यह लिस्ट उन गाइडलाइंस के साथ जिन्हें सोशल नेटवर्किंग के लिए काफी अहम बताया गया है।
आतंकी कर रहे सोशल मीडिया का प्रयोग
सरकार का यह कदम उन घटनाओं के बाद काफी अहम हो सकता है जहां पर आतंकियों ने देश विरोधी तत्वों को सोशल मीडिया का प्रयोग कर भड़काने का काम किया। आतंकियों ने सोशल मीडिया के जरिए एक प्रोपोगैंडा चलाया और देश का माहौल बिगाड़ा। कई बार ऐसी घटनाएं भी हुईं जिनमें सोशल मीडिया के जरिए कोई अफवाह फैलाई गई। इसके बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और देश के कई हिस्सों में तनाव फैला।
कश्मीर में हो रहा गलत प्रयोग
सोशल मीडिया का दुरुप्रयोग खासकर कि जम्मू कश्मीर में, सरकार और एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार के प्रतिनिधि इस नीति पर चर्चा कर रहे हैं ताकि इंटेलीजेंस एजेंसी और सुरक्षाबलों को देश विरोधी प्रोपोगैंडे से निबटने में मदद मिल सके।
नीति के लिए चाहिए नई तकनीक
इस नीति के लिए कुछ इनफ्रास्ट्रक्चर जैसे ज्यादा मानवबल और तकनीक की जरूरत होगी जिसकी मदद से सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर हर सेकेंड नजर रखी जा सके। इसके अलावा गृह मंत्रालय उन विकल्पों पर भी विचार कर रहा है जिसकी मदद से किसी भी आपदा के समय जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके।