लॉकडाउन में फंसे लोगों को मिली घर जाने की अनुमति, 10 पॉइंट्स में समझें मोदी सरकार के इस बड़े फैसले को
लॉकडाउन में फंसे लोगों को मिली घर जाने की अनुमति, 10 पॉइंट्स में समझें मोदी सरकार के इस बड़े फैसले को
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 2 खत्म होने से पहले ही बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने देशभर में फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने घर पहुंचने का रास्ता खोल दिया है। प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ छात्रों और पर्यटकों के लिए बड़ा फैसला लिया है। गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन में फंसे लोगों की आवाजाही की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही, देशभर में फंसे मजदूर, पर्यटक, विद्यार्थी, मरीज और उनके परिजन को अपने-अपने घर पहुंचने के लिए अब रास्ता मिल गया है। गृह मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी की है। आइए आपको 10 बिन्दुओं में समझाते हैं कि कैसे आप गृहमंत्रालय के इस नए आदेश के बाद अपने घर पहुंच सकते हैं।
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केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों, मरीजों, छात्रों, पर्यटकों को छूट दी है। हालांकि ये समझना सबसे ज्यादा जरूरी है कि ये छूट फंसे लोगों को नहीं बल्कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दी गई है, उनको लाने और ले जाने के लिए। मतलब ये कि अगर आप फंसे है तो आप खुद नहीं जा सकते बल्कि आपके प्रदेश की सरकार इसका इंतजाम करेगी।
सरकार के नए आदेश में खास बातें
गृह
मंत्रालय
ने
अपने
आदेश
में
कहा
है
कि
सभी
राज्य
और
केंद्रशासित
प्रदेश
अपने
यहां
फंसे
लोगों
को
उनके
गृह
राज्यों
में
भेज
सकेगा
और
दूसरी
जगहों
से
अपने
नागरिकों
को
ला
सकेगा।
इसके
लिए
राज्य
सरकारों
को
स्टैंडर्ड
प्रॉटोकॉल
तैयार
करना
होगा।
आदेस
के
मुताबिक
अगर
आप
अपने
राज्य
से
बाहर
किसी
दूसरे
प्रदेश
में
फंसे
हैं
तो
आपको
अपने
गृह
राज्य
सरकार
की
बसों
का
इंतजार
करना
होगा।
राज्य सरकार करेंगे इंतजाम
गाइडलाइंस
के
मुताबिक
राज्य
सरकारें
बसों
से
अपने
नागरिकों
को
ला
सकती
है
या
फिर
दूसरे
प्रदेश
के
नागरिकों
को
वहां
बसों
में
भेज
सकती
है।
इसका
इंतजाम
राज्य
और
केंद्र
शासित
प्रदेशों
को
करना
होगा।
ट्रेनों के संचालन पर कोई फैसला नहीं
सरकार ने साफ किया है कि प्रवासी मजदूरों, छात्रों को लाने-ले जाने के लिए राज्य सरकारों को बसों का इंतजाम करना होगा। आवागमन के लिए ट्रेनों का संचालन नहीं होगा।
करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
गाइडलाइंस
के
मुताबिक
अगर
आपके
गृह
प्रदेश
की
सरकार
ने
आपके
यहां
बसें
भेजने
का
फैसला
किया
है
और
आपको
जाना
है
तो
इसके
लिए
आपको
लोकल
नोडल
अथॉरिटी
का
पता
करना
होगा।
आपको
वहां
रजिस्ट्रेशन
करवाकरवाना
होगा।
सरकार
नोडल
अथॉरिटी
के
जरिए
ही
आने-जाने
वालों
का
रजिस्ट्रेशन
करवाएंगी।
स्वस्थ लोगों का ही रजिस्ट्रेशन
सरकार ने साफ-साफ कहा है कि आपका स्वास्थ्य सही है तभी आपको घर जाने की अनुमति मिलेगी। इसके लिए आपकी जांच होगी। रजिस्ट्रेशन से पहले आपके स्वस्थ होने की पूरी पुष्टी की जाएगी। अगर आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं तभी आपको सफर की अनुमति मिलेगी। आपको अपनी प्रदेश सरकार की ओर से भेजी गई बस में तभी बिठाया जाएगा जब आप स्वस्थ होंगे। जो लोग जाना चाहेंगे, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी।
बस में लागू होगा ये नियम
बस में सफर के दौरान भी सरकार संक्रमण को रोकने का पूरा ध्यान रखेगी। बस में भी सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। लोगों को एक दूसरे से अलग-अलग बिठाया जाएगा। सफर के दौरान किसी से घुलना-मिलना नहीं होगा। बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टैंसिंग के नियम सख्ती से पालन किए जाएंगे।
रहना होगा क्वारंटाइन
सफर के बाद घर पहुंचकर भी आप बाहर नहीं निकल सकेंगे। बस से उतरते ही आपकी स्वास्थ्य जांच होगी। अगर आप स्वस्थ रहे तो कुछ दिनों तक होम क्वारंटाइन रहना होगा। परिवार के लोगों के दूर अलग रहना होगा। ताकि संक्रमण का खतरा टल जाए।
अगर स्वस्थ्य में आई गड़बड़ी तो
अगर बस से उतरने पर आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा तो आपको वहीं से सीधे अस्पताल भेजा जाएगा। वहां आपकी जांच की जाएगी। अगर आप की तबीयत ठीक नहीं पाई गई तो आपको जांच के लिए फौरन अस्पताल भेजा जाएगा। जहां जांच के बाद भी आगे का फैसला होगा।
आरोग्य सेतु का इस्तेमाल
आदेस
के
मुताबिक
कोई
भी
राज्य
इन
बसों
को
अपनी
सीमा
में
प्रवेश
करने
से
नहीं
रोकेगा
और
उन्हें
गुजरने
की
अनुमति
देगा।
ऐसे
लोगों
को
आरोग्य
सेतु
का
इस्तेमाल
करना
होगा
।