कोविड केस के मामलों में टॉप पर पहुंचा ये यूपी का जिला, अस्पतालों में फर्श पर हो रहा मरीजों का इलाज
लखनऊ, 12 मई। कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले में उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में स्थित मेरठ रोगियों की संख्या के मामले में चार्ट में टॉप पर पहुंच गया है। बीते 24 घंटे में 1368 नए मामले सामने आए हैं इसके साथ ही जिले में कोरोना वायरस के एक्टिव केस की संख्या 13941 पहुंच चुकी है। रोगियों की बढ़ती संख्या के साथ अस्पतालों में सुविधाओं की भारी कमी होने लगी है। जिले में कोरोना वायरस के सबसे बड़े केयर सेंटर लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में तो हालत यह हो गई है कि मरीजों के परिजन चारपाई और पंखे का इंतजाम खुद ही कर रहे हैं।
अस्पताल में हालात इतने खराब हैं कि मरीजों को अस्पताल के फर्श चादर बिछाकर लेटना पड़ रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते डॉक्टर मरीजों का ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
अस्पताल में इमरजेंसी क्षेत्र या फिर नियमति बेड के बीच में अस्थायी बेड लगा दिए गए हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन तक नहीं हो पा रहा है। अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी के चलते परिजन खुद ही अपने मरीजों की देखरेख कर रहे हैं।
अस्पताल में अपनी मां का इलाज करा रहे एक युवा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है। एक बार मेरी मां को सांस लेने में तकलीफ हुई तो मुझे खुद ही उनकी मदद करनी पड़ी। उनकी पोजीशन बदली क्योंकि मैं नहीं जानता था कि नर्स कब तक वापस आएंगी।
जिले
में
601
लोगों
की
मौत
अस्पताल
में
370
ऑक्सीजन
बेड
और
140
आईसीयू
बेड
हैं
जो
कि
सारे
भर
चुके
हैं।
पिछले
24
घंटे
में
मेरठ
जिले
में
कोरोना
वायरस
से
15
मौत
हुई
है।
इसके
साथ
ही
मरने
वालों
की
संख्या
601
पहुंच
गई
है।
जिले
में
रोजाना
औसत
1500
केस
दर्ज
किए
जा
रहे
हैं।
कोरोना
मामलों
की
संख्या
के
मामले
में
मेरठ
राजधानी
लखनऊ
के
बाद
दूसरे
नंबर
पर
है।
जिले में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कुल मिलाकर 2974 बेड हैं। इनमें 1672 ऑक्सीजन बेड और 583 आईसीयू के हैं। इनमें लगभग सभी फुल हो चुके हैं। जिले में 172 वेंटिलेटर बेड हैं जिनमें से 92 भर चुके हैं। प्रशासन का दावा है कि वह रोज नए बेड जोड़ रहा है।
लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार कहते हैं कि संक्रमण के मामलों की संख्या अचानक बढ़ गई है। हम 200 स्टाफ के साथ अपना सर्वोत्तम प्रयास कर रहे हैं। इनमें 60 खुद कोविड से बीमार चल रहे हैं।
ऑक्सीजन
के
लिए
हो
रही
मारामारी
सिर्फ
अस्पताल
में
ही
नहीं
बल्कि
ऑक्सीजन
रीफिलिंग
एजेंसी
के
बाहर
भी
मारामारी
बनी
रहती
है।
एजेंसी
के
बाहर
गैस
भरवाने
वालों
की
कतार
लगी
रह
रही
है।
लोग
सुबह
4
बजे
से
ही
गैस
के
लिए
पहुंच
जाते
हैं।
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मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखिलेश मोहन का कहना है कि हालात में सुधार हो रहा है। "इस मौके पर मामलों में एक निश्चित प्रवृत्ति की ओर इशारा करना कठिन है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले सप्ताह में मामलों में गिरावट आएगी। अस्पताल पर दबाव कम हो रहा है और ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता बढ़ रही है।"