यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों की पढ़ाई क्या रह पाएगी जारी? जानिए इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
नई दिल्ली, मार्च 08। युद्ध की वजह से यूक्रेन से भारत लौट रहे भारतीय छात्रों के लिए इस वक्त सबसे बड़ी चिंता उनकी पढ़ाई को लेकर है, क्योंकि यूक्रेन में लगभग उनकी पढ़ाई का रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है। ऐसे में उनके मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या वो अपनी आगे की पढ़ाई को भारत में जारी रख पाएंगे। अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों को यहां के कॉलेजों में ऑटोमैटिकली तो दाखिला नहीं मिल पाएगा।
ऐसे छात्रों को दाखिला देने पर विचार कर रहे हैं अधिकारी
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नासिक की महाराष्ट्र हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर माधुरी कनितकर ने कहा है कि अभी अधिकारी इस विकल्प पर काम कर रहे हैं कि यूक्रेन से लौटे छात्रों को लेकर यह सुनिश्चित किया जा सके कि वो यहां अपनी पढ़ाई को जारी रख सकें। उन्होंने कहा है, "हम इन छात्रों को तुरंत अपने कॉलेजों में नहीं रख सकते। हमारे कॉलेजों में पहले से ही ऐसे छात्र हैं जो इन (भारतीय) कॉलेजों में योग्यता के आधार पर आए हैं, और वहां प्रवेश मानकों को कम नहीं किया जा सकता है। जो छात्र यूक्रेन से लौट रहे हैं, उन्होंने ऐसे विश्वविद्यालयों को चुना है जिनमें शिक्षण और पाठ्यक्रम की एक अलग प्रणाली है। ऐसे में यूक्रेन के अंदर फिर से यूनिवर्सिटी खुलने में काफी समय लगेगा तो हम उन विकल्पों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जहां छात्र अपनी पढ़ाई और ट्रेनिंग को जारी रख सकें।"
माधुरी ने आगे कहा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन छात्रों की इस समस्या को दूर करने के तरीकों के बारे में सोच-विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूक्रेन से लौटने वाले भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर तनाव मुक्त रहें। डॉ कानिटकर ने कहा कि लौटने वाले छात्रों का डेटा इकट्ठा किया जा रहा है, अभी तक 100 से अधिक छात्रों ने हमारी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड किया है। कानिटकर ने कहा कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई भी काफी मुश्किल है।