छत्तीसगढ़: जोगी को मिला 'हाथी' का साथ, बिगड़ सकता है कांग्रेस-बीजेपी का गणित
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को झटका लगा है। अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस (छत्तीसगढ़-जे) और मायावती की बीएसपी के बीच गठबंधन हुआ है और वे दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से जोगी की पार्टी 55 और बसपा 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसी सिलसिले में 26 सितंबर को दोनों पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है।
कार्यकर्ताओं में जान फूंकेगी मायावती
इसके साथ ही इस मौके को भव्य बनाने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती के दौरे का कार्यक्रम भी तय हुआ है, जिससे वे अपने कार्यकर्ताओं में जान फूंक सकें। इस संयुक्त आमसभा कार्यक्रम पर अजीत जोगी ने कहा कि सभा स्थल का चयन किया जा रहा है। उम्मीद है, एसटी-एसटी बहुल जिले में ही सभा कराई जाएगी। एक तरह से ये शक्तिप्रदर्शन ही होगा। जोगी का कहना है कि बहन मायावती के दौरे पर आने से इस गठबंधन के कार्यकर्ताओं को मनोबल बड़ेगा। उन्होंने आगे कहा बहुत जल्द इसकी घोषणा हो जाएगी।
क्षेत्रीय पार्टियों से भी हो सकता है गठबंधन
गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों को साथ लेने के सवाल पर जोगी ने कहा कि गठबंधन के दिन ही मायावती ने कहा था कि राज्य की क्षेत्रीय पार्टियों से बात करें। ताकि एक साथ लड़कर भाजपा सरकार को परास्त कर सके। आपको बता दें कि जोगी और मायावती ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में प्रेस कॉफ्रेंस की घोषणा की थी। जिसमे तय हुआ था कि 90 सीटों में से जोगी की पार्टी 55 और बसपा 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। साथ ही प्रदेश में सरकार बनने की स्थिति में जोगी ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे।
कांग्रेस और भाजपा को हो सकता है नुकसान
इधर, बसपा अध्यक्ष ओपी वाजपेयी ने कहां कि अगर क्षेत्रीय पार्टियां गठबंधन से जुड़ना चाहे तो उन्हें साथ ले लें। इस विषय पर क्षेत्रीय पार्टियां से चर्चा होगी। उधर भाजपा का कहना है कि गठबंधन का फैसला कांग्रेस के लिए झटके की तरह है। जोगी पर राज्य की जनता विश्वास नहीं करने वाली। जोगी-बसपा के गठबंधन से कांग्रेस भाजपा को ही नुकसान हो सकता है।