मौलाना साद के ऑडियो क्लिप से छेड़छाड़ की खबरों का दिल्ली पुलिस ने किया खंडन
नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज के प्रमुख मौलाना साद कंधावली का एक ऑडियो क्लिप बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इस क्लिप को लेकर कहा जा रहा है कि, उसमें छेड़छाड़ की गई थी। लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर का खंडन किया है। रिपोर्ट में कहा गया था कि, ऑडियो क्लिप में मौलाना साद जमात के सदस्यों से सोशल डिस्टेंसिंग को फ़ॉलो न करने और प्रतिबंधों को न मानने की बात कह रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने शनिवार को रिपोर्ट को लेकर ट्वीट में लिखा कि, इंडियन एक्सप्रेस शनिवार को छपी मौलाना साद की रिपोर्ट न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि पूरी तरह से एकीकृत स्रोतों और विशुद्ध रूप से अनुमान कल्पना पर आधारित है। दरअसल शनिवार को छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि, मौलाना साद ने कथित तौर पर 21 मार्च को व्हाट्सएप पर ऑडियो रिकॉर्डिंग सर्कुलेट की, जिसमें वह जमातियों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने और मरकज के धार्मिक आयोजनों में शिरकत करने को कह रहे हैं। वहीं पुलिस ने मरकज के एक सदस्य का लैपटॉप बरामद किया है, जिसने ऑडियो क्लिप सर्कुलेट की थी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, स्कैनिंग के बाद पुलिस को पता चला कि तीन प्रारूपों में 350 से अधिक ऑडियो क्लिप हैं जिनमें मरकज के कार्यक्रमों की रॉ क्लिप, जमातियों को भेजी गई ऑडियो क्लिप और यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गई क्लिप हैं। अभी तक लैपटॉप से किसी तरह की क्लिप बरामद नहीं हो पाई है। दूसरी तरफ, जांचकर्ताओं ने पाया कि पुलिस और धर्म पर साद की टिप्पणियों को अलग संदर्भ में पेश किया गया या उनके साथ छेड़छाड़ की गई। एफआईआर में जिस ऑडियो क्लिप का उल्लेख है, उसमें एक शख्स कह रहा है कि, सोशल डिस्टेंसिंग की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह हमारे धर्म में नहीं लिखा गया।
अखबार के मुताबिक, इस मामले की जांच कर रही टीम के प्रमुख और इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने वायरल ऑडियो को खोजने की कोशिश की तो उन्हें लैपटॉप में ऐसी कोई क्लिप मिली ही नहीं। यह भी पता चला है कि मौलाना साद द्वारा पुलिस और धर्म पर की गई टिप्पणी किसी दूसरे कार्यक्रम की है और उससे छेड़छाड़ कर उसे दूसरी जगह जोड़ दिया गया।
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