शरद पवार के बयान को मनोहर पर्रिकर के बेटे ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कहा- राजनीतिक लाभ के लिए झूठ का सहारा ले रहे
नई दिल्ली। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने एनसीपी नेता शरद पवार की ओर से उनके पिता पर की गई टिप्पणी को लेकर पत्र लिखा है। उत्पल पर्रिकर ने कहा कि मेरे पिता के नाम का राजनीतिक लाभ लेने के लिए झूठ का सहारा लिया जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास है। दरअसल शरद पवार ने दावा किया है कि पूर्व रक्षा मनोहर पर्रिकर केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देकर गोवा लौट गए थे क्योंकि वह राफेल लड़ाकू विमान के सौदे से सहमत नहीं थे।
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शरद पवार का दावा?
कोल्हापुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राकांपा प्रमुख ने कहा कि उस समय के रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर को राफेल सौदा मंजूर नहीं था, इसलिए उन्होंने रक्षा मंत्री का पद त्याग कर गोवा लौट आए थे। इस दौरान शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा था। शरद पवार ने कहा कि आरोप लगाया कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने में यह सरकार विफल साबित हुई है। इसी वजह से वह दूसरे मुद्दे पर लोगों का ध्यान बंटाने में जुटे हैं। जिसके बाद अब पर्रिकर के बेटे उत्पल ने शरद पवार को पत्र लिखा है।
देवेंद्र फडणवीस ने बताया अनुचित बयान
वहीं शरद पवार की ओर से मनोहर पर्रिकर को लेकर दिए गए बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राफेल खरीदने के प्रस्ताव को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का भाजपा के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के खिलाफ दिया गया बयान अनुचित है। देवेंद्र फडणवीस ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राफेल सौदे पर शरद पवार की ओर से इस तरह की राजनीतिक बयानबाजी और आरोप शोभा नहीं देते हैं। वो एक सीनियर नेता हैं उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए, मनोहर पर्रिकर अगर जिंदा होते तो वो अपना पक्ष जरूर रखते।
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राहुल गांधी भी ले चुके हैं नाम
बता दें कि इससे पहले जनवरी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की थी। लगभग 15 मिनट तक मुलाकात के बाद राहुल का बयान आया था कि मैं पर्रिकर से मिला लेकिन राफेल विमान घोटाले में उनका कोई हाथ नहीं है,ये डील सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थी और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया था। हालांकि बाद में राहुल गांधी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि मैं पर्रिकर से मिला जरूर था लेकिन मुलाकात के दौरान राफेल विमान सौदे पर कोई बात नहीं हुई थी। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मैंने बाद में उन्हें चिट्ठी लिखी थी जिसमें कहा ता कि आपसे मुलाकात का मतलब ये नहीं है कि मैं राफेल के मुद्दे पर सवाल पीएम से सवाल पूछूंगा।