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हरियाणा में एक बार फिर मनोहर सरकार, जनता ने चुकता किया उधार!

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Haryana election: दिवाली के दिन Khattar का राजतिलक | वनइंडिया हिन्दी

बेंगलुरू। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में जनता का जनादेश किसी भी पार्टी के पक्ष में नहीं था, लेकिन बीजेपी को मिले 40 सीटों ने स्पष्ट कर दिया था कि जनता कुछ शिकायतों के अलावा हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के कामकाज से खुश थी। बहुमत से 6 सीटों की कमी के लिए हरियाणा के जाट वोटों का बंटवारा और एंटी इनकंबेंसी का थोड़े असर को जिम्मेदार जरूर ठहराया जा सकता है।

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वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से हरियाणा में पहली बार सरकार बनाने वाली बीजेपी ने जब मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव किया था, तो सभी चकित रह गए थे। होना भी चाहिए था, क्योंकि हरियाणा की राजनीति में जानने वालों ने कभी मनोहर लाल खट्टर का नाम नहीं सुना था। आरएसएस प्रचारक के रूप में करीब 30 वर्ष तक संघ के लिए संघर्ष करने वाले मनोहर लाल खट्टर को प्रधानमंत्री मोदी ने मुहर लगाई थी।

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हरियाणा के पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में मनोहर लाल की खट्टर की सरकार ने कई मोर्चों पर बेहतरीन काम किया। इनमें लिंगानुपात सबसे बड़ा उदाहरण है। भारत सरकार के बेटी पढ़ाओ और बेटी पढ़ाओ का स्लोगन हरियाणा की ही देने है। पिछले पांच वर्षों में मुख्यमंत्री खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने हरियाणा के लिंगानुपात में आमूल-चूल सुधार ला दिया।

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रिकॉर्ड के मुताबिक मनोहर लाल खट्टर के हरियाणा की कुर्सी संभालने के बाद से हरियाणा के लिंगानुपात में उत्तरोत्तर सुधार दर्ज किया गया है। वर्ष 2014 में हरियाणा के गद्दी पर बैठे खट्टर ने गर्भ में ही लड़कियों की हत्या के खिलाफ मुहिम चलाया और लोगों को जागरूक किया।

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आकंड़ों के मुताबिक वर्ष 2015-16 में हरियाणा सरकार के प्रयासों से हरियाणा का लिंगानुपात में वृद्धि दर्ज की गई। राष्ट्रीय जनगणना 2011 के मुताबिक हरियाणा का राज्यों में सबसे न्यूनतम लिंगानुपात 879 था, लेकिन वर्ष 2015-16 में लिंगानुपात में प्रगति हुई और यह बढ़कर 887 हो गया। इसके बाद लिंगानुपात में लगातार सुधार दर्ज किया गया। वर्ष 2016-17 में लिंगानुपात 902 दर्ज किया गया और वर्ष 2017-18 में लिंगानपुतात 914 पहुंच चुका था।

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हालांकि वर्ष 2018-19 में हरियाणा के लिंगानुपात में कोई सुधार नहीं हुआ, लेकिन लिंगानुपात 914 पर स्थिर रहा। हरियाणा के खट्टर सरकार में लड़कियों की भ्रूण हत्या के मामले कम दर्ज किए, जिसका कारण था कि हरियाणा के लिंगानुपात में राष्ट्रीय जनगणना 2011 की तुलना में 33 अंकों की वृद्धि दर्ज की। यह मामूली बात नहीं है।

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हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार को अपराध और उससे जुड़ी घटनाओं से जुड़ी घटनाओं में रोकथाम के लिए श्रेय दिया जाता है। बीजेपी की सरकार हरियाणा में आने के बाद क्राइम प्रदेश के रूप में शुमार होने वाले हरियाणा में अपराधियों को चुन-चुनकर पकड़ा जाने लगा। कहा जाता है कि हरियाणा और पश्चिमी यूपी में अपराधियों का पूरा गैंगवार मौजूद था, जो राहगीरों और व्यापारियों को लूटते थे।

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लेकिन हरियाणा की खट्टर के पर्दापण के बाद अपराधियों के धऱपकड़ की शुरूआत तेजी से की गई और क्राइम का ग्राफ हरियाणा में तेजी से गिरा है। हरियाणा में डकैती, हत्या और बलात्कार की घटनाएं आम थी, लेकिन पिछले 5 वर्षो में इसमें तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।

उल्लेखनीय है हरियाणा में बीजेपी सरकार से पूर्व क्या हालात थे। अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ था कि सरेआम लूट और बलात्कार की घटनाओं को अंजाम देते थे और पूरा शासन और प्रशासन हाथ पर हाथ रखा हुआ था, लेकिन समय बदला और बीजेपी के शासनकाल में क्राइम में गिरावट दर्ज की जाने लगी। खट्टर के कार्यकाल में हरियाणा पहला ऐसा राज्य बना खुले में शौचमुक्त हुआ। इसके अलावा माना जाता है कि खट्टर के कार्यकाल में हरियाणा में भ्रष्टाचार के मामले में 32 फीसदी तक कमी दर्ज की गई और सिस्टम को पारदर्शी बनाया गया है।

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शायद यही कारण है कि वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में ही नहीं, विधानसभा चुनाव में बीजेपी को खट्टर के नेतृत्व में वोटरों का मोहताज नहीं होना पड़ा। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 लोकसभा सीटों में 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह जीत बीजेपी ने बड़े अंतर से दर्ज की थी। जीते सभी 9 उम्मीदवारों ने लाखों के मार्जिन से अपने प्रतिद्वंदी को मात दी थी जबकि वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी 10 में से 7 सीट पर विजयी रही थी। यह मनोहर लाल खट्टर का करिश्मा ही कहेंगे कि बीजेपी ने हरियाणा में लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

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2019 विधानसभा में भी हरियाणा की जनता ने बीजेपी को खूब साथ दिया और पार्टी को सर्वाधिक 40 सीटें जितवा कर दी। हरियाणा में नंबर पार्टी बनकर उभरी बीजेपी जेजेजी के सहयोग से एक बार फिर हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है। सत्ता में रहते हुए 90 सीटों वाले हरियाणा विधानसभा में 40 सीटों पर जीत दर्ज कर लेना हार का परिचायक कहीं से भी नहीं कहा जा सकता है।

क्योंकि बीजेपी वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव 48 सीट जीतकर सरकार बनाने में कामयाब हुई थी, जो 2019 के नतीजों से महज 8 सीट ज्यादा है। हरियाणा में इस बार एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का भी असर काम दिखा, लेकिन खट्टर कैबिनेट के 12 मंत्रियों की हार बताती है कि जनता मंत्रियों के कामकाज से खुश नहीं थी।

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माना जाता है कि हरियाणा में बीजेपी को नुकसान जाट वोटरों को बंटने से हुआ है, जिससे पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी जननायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिल गईं और कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव नतीजे में मिली सीट से दोगुनी सीटें हासिल हो गईं।

खट्टर सरकार को कुछ नुकसान उनके बड़बोलपन की वजह से भी नुकसान उठाना पड़ा हुआ होगा। इसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मनोहर लाल खट्टर द्वारा दिया गया उक्त बयान प्रमुख है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब हरियाणा वाले कश्मीर लड़की को भी बहू बना सकते हैं, जिसका सोशल मीडिया और अखबारों में भर्त्सना के साथ-साथ आलोचना भी की गई थी।

यह भी पढ़ें- हरियाणा में बीजेपी-JJP की सरकार, चौटाला की पार्टी को डिप्टी सीएम

Comments
English summary
Manohar Lal Khattar once again going to form government with the support of JJP. Although BJP was behind 6 seat to get full majority in 90 seat assembly of haryana but seems public was happy with khattar government work and given 40 seat him as paid debt.
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