अलका लांबा के इस्तीफे पर बोले मनीष सिसोदिया, 'कोई इस्तीफा नहीं हुआ'
नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगे को लेकर दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाए जाने पर विवाद इस कदर बढ़ा कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। मनीष सिसोदिया ने अलका लांबा से इस्तीफा मांगने की खबरों को खारिज किया और कहा कि पार्टी ने किसी से इस्तीफा नहीं मांगा है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि 1984 दंगे के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ये प्रस्ताव लाया गया था।
जबकि पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कल के बयान को दोहराते हुए कहा कि जरनैल सिंह के सदन में बोलते से पहले प्रस्ताव की कॉपी सभी को दी गई थी, जिसमें राजीव गांधी का जिक्र नहीं था। सोमनाथ भारती ने उस प्रस्ताव पर पेन से राजीव गांधी के बारे में एक लाइन लिखकर जरनैल सिंह को दे दिया था।
उन्होंने कहा कि अगर कोई सदस्य अपना अमेंडमेंट अलग से लाना चाहता है तो स्पीकर को अवगत कराता है। भारद्वाज ने कहा कि सदन में जो प्रस्ताव लाया गया, उसमें राजीव गांधी से भारत रत्न छीनना शामिल नहीं था, बल्कि ये एक सदस्य का निजी प्रस्ताव था। मनीष सिसोदिया ने अलका लांबा के इस्तीफे की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी ने कोई उनसे या किसी से कोई इस्तीफा नहीं मांगा है।
राजीव गांधी से भारत रत्न वापस पर बोले सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम इसमें विश्वास नहीं करते कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए। लोकसभा चुनावों से पहले संभावित गठबंधन के सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के हाथ खून से सने हैं, इन दोनों दलों के साथ दंगों के खून से रंगे हैं।