'हाथों की लकीरों' ने छीन ली इस शख्स की नौकरी
हाथों में लकीरें नहीं होने की वजह से उसका आधार कार्ड नहीं बन सका और विभाग में आधार नबंर जमा नहीं करवा सकने के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
नई दिल्ली। हाथों की लकीरों को लोग अपने किस्मत से जोड़कर देखते हैं। लोगों का मानना है कि उनकी हाथों की लकीरें उनका भाग्य बदल देगी। लेकिन ललित के लिए उनके हाथों की लकीरें ही उसके लिए मुसीबत का सबक बन गई। इसकी वजह से उनकी नौकरी चली गई।
ललित कुमार गृह मंत्रालय में 6 महीने तक अनुबंध पर डाटा एंट्री ऑपरेटर का काम कर रहा था। उसे कई बार आधार कार्ड बनवाने को कहा गया, लेकिन एक दुर्लभ बीमारी की वजह से उसका आधार कार्ड नहीं बन सकता था। दरअसल ललित को पामोप्लांटर केरेटोड्रमा की बीमारी है, जिसकी वजह से उसके हाथों में लकीरें नहीं है। लकीरें नहीं होने की वजह से उसका आधार कार्ड नहीं बन सका और विभाग में आधार नबंर जमा नहीं करवा सकने के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
ललित
का
आरोप
है
कि
आधार
कार्ड
नहीं
होने
के
कारण
उसे
नौकरी
निकाल
दिया
गया।
ललित
के
मुताबिक
नवंबर
तक
उसकी
नौकरी
थी,
उसे
वक्त
से
सैलरी
भी
मिलती
रही,
लेकिन
नवंबर
में
ही
उसे
कहा
गया
था
कि
आधार
अपडेट
कराए,
लेकिन
काफी
कोशिशों
के
बावजूद
वो
अपना
आधार
नहीमं
बनवा
सका।
उनकी
उंगलियों
के
निशान
नहीं
होने
के
कारण
आधार
कार्ड
नहीं
बना
और
आखिरकार
उसे
नौकरी
से
निकाल
दिया
गया।
अब
ललित
ने
प्रधानमंत्री
कार्यालय
से
मदद
मांगी
है।
उसने
कहा
है
कि
कुदरती
बीमारी
है।
इसमें
उसका
कोई
दोष
नहीं
है,
बावजूद
इसके
उसकी
नौकरी
छीनम
ली
गई।