दोषियों की रिहाई पर बोलीं महुआ मोइत्रा- देश को तय करना चाहिए कि बिलकिस बानो महिला हैं या मुस्लिम
नई दिल्ली, 18 अगस्त: हाल ही में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो से गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए सभी 11 अभियुक्तों को रिहा कर दिया। जिसमें जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, विपिन चंद्र जोशी, केशरभाई वोहानिया, प्रदीप मोढ़डिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चांदना शामिल है। गुजरात सरकार इस रिहाई को नियमानुसार बता रही, तो वहीं विपक्षी दलों को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। इसी कड़ी में अब टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर वार किया है।
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महुआ ने बिलकिस बानो केस पर तीन ट्वीट किए हैं। पहले में उन्होंने लिखा कि किसी भी महिला का न्याय इस तरह कैसे खत्म हो सकता है? अमित शाह? नरेंद्र मोदी? भारत? भारतीयों? दूसरे ट्वीट में टीएमसी नेता ने लिखा कि आज वे सभी स्वयंभू टीवी एंकर कहां चिल्ला रहे हैं? क्या हुआ? बिलकिस बानो पर पैनल डिस्कशन के लिए बिग डैडीज ने आगे नहीं बढ़ाया? नेशन वांट टू नो? वहीं तीसरे ट्वीट में महुआ ने लिखा कि देश को तय करना चाहिए कि बिलकिस बानो महिला हैं या मुस्लिम?
गुजरात
सरकार
ने
कही
ये
बात
सीबीआई
की
विशेष
अदालत
ने
2008
में
किलकिस
बानो
केस
में
11
दोषियों
को
उम्रकैद
की
सजा
सुनाई
थी।
उसको
बॉम्बे
हाईकोर्ट
ने
भी
बरकरार
रखी।
15
साल
की
सजा
पूरी
होने
पर
दोषी
राधेश्याम
शाह
ने
माफी
की
गुहार
लगाई।
गुजरात
सरकार
के
मुताबिक
14
साल
की
सजा
पूरी
होने
पर
उम्रकैद
के
आरोपियों
के
माफीनामे
पर
विचार
किया
जा
सकता
है।
इसी
नियम
के
मुताबिक
राधेश्याम
के
आवेदन
पर
विचार
किया
गया।
बिलकिस बानो मामलाः ऐसे छूट गए गैंगरेप के 11 गुनहगार
बिलकिस
बानो
ने
कही
ये
बात
हाल
ही
में
मीडिया
से
बात
करते
हुए
बिलकिस
ने
कहा
कि
मुझे
हमारे
देश
की
सर्वोच्च
अदालतों
पर
भरोसा
था।
मुझे
सिस्टम
पर
भरोसा
था
और
मैं
धीरे-धीरे
पीड़ा
के
साथ
जीना
सीख
रही
थी,
लेकिन
दोषियों
की
रिहाई
ने
मेरी
शांति
छीन
ली
है
और
न्याय
में
मेरे
विश्वास
को
हिला
दिया
है।
मेरा
दुख
और
मेरा
डगमगाता
विश्वास
केवल
मेरे
लिए
नहीं
है,
बल्कि
हर
उस
महिला
के
लिए
है
जो
अदालतों
में
न्याय
के
लिए
संघर्ष
कर
रही
है।