महाराष्ट्र राजनीतिक संकट : शिवसेना किसकी ? SC की संविधान पीठ करेगी फैसला, शिंदे-उद्धव गुट की याचिकाएं ट्रांसफर
महाराष्ट्र के सियासी संकट से जुड़ी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया। शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दायर याचिकाओं पर पांच जजों की पीठ सुनवाई करेगी। Maharashtra crisis
नई दिल्ली, 23 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चुनाव आयोग को शिंदे गुट की याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं करने का निर्देश दिया है। एकनाथ शिंदे के गुट की दलील है कि शिवसेना विधायकों का समर्थन उनके साथ है ऐसे में उनके पक्ष को असली शिवसेना माना जाए और उसे पार्टी का चुनाव चिह्न भी दिया जाए। 26 अगस्त को चीफ जस्टिस एनवी रमना रिटायर हो रहे हैं। सीजेआई की रिटायरमेंट से तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने ने शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दायर याचिकाओं को पांच सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया।
याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेजने से पहले सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चुनाव आयोग को शिंदे गुट की याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं करने का निर्देश भी दिया। बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दलबदल, विलय और अयोग्यता से संबंधित कई संवैधानिक प्रश्नों को उठाने वाली याचिकाओं पर अब पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुरुवार को संविधान पीठ के समक्ष याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी इस पीठ में शामिल हैं। पीठ ने कहा, "मामले को परसों संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें और पीठ चुनाव आयोग की कार्यवाही से संबंधित चुनाव चिह्न के बारे में फैसला करेगी।"
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। इसके बाद भाजपा के समर्थन से शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। दोनों पक्षों ने शिवसेना पर दावा किया है। शिंदे गुट का कहना है कि अधिकांश शिवसेना विधाययक उनके साथ हैं ऐसे में पार्टी के चुनाव चिह्न पर उनका दावा बनता है। उद्धव पक्ष ने इसके खिलाफ दलीलें दी हैं। सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों की याचिकाओं में उठाए गए मामलों की सुनवाई कर रही है।