आदिवासी लोगों के लिए डॉक्टर ने छोड़ दी AIIMS में नौकरी, भाजपा मंत्री को हराकर बना विधायक
ध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन दिखाते हुए 15 साल बाद सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस के कई नेताओं ने चुनावों में अच्छी जीत दर्ज की, लेकिन मनावर सीट से चुनाव जीतने वाले हीरालाल अलावा का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है।
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन दिखाते हुए 15 साल बाद सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस के कई नेताओं ने चुनावों में अच्छी जीत दर्ज की, लेकिन मनावर सीट से चुनाव जीतने वाले हीरालाल अलावा का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। हीरालाल अलावा ने अपने पहले ही चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री रंजना बघेल को शिकस्त दे दी। एम्स में बतौर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी कर रहे हीरालाल ने आदिवासी लोगों के लिए अपनी नौकरी भी छोड़ दी।
मनावर से जीतने वाले कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने भाजपा की पूर्व कैबिनेट मंत्री रंजन बाघेल को भारी 39,501 मतों से हराया। हीरालाल अलावा को कांग्रेस ने अंतिम वक्त पर टिकट दिया था। हीरालाल जय आदिवासी युवा संगठन से जुड़े थे और उन्होंने प्रदेश में 'अबकी बार आदिवासी सरकार'का नारा लगाया था। हीरालाल की लोकप्रियता देखते हुए कांग्रेस ने अंतिम वक्त में उन्हें प्रत्याशी बनाया, जिसपर फाइनल मुहर खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगाई थी।
ये भी पढ़ें: 46 साल बाद शिवराज के विदिशा में भी हार गई भाजपा
हीरालाल अलावा पेशे से डॉक्टर हैं और पिछले दो सालों से आदिवासियों के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। आदिवासी परिवार में जन्में हीरालाल ने एम्स से डॉक्टरी की पढ़ाई पढ़ी। इसके बाद वो 2012 से 2015 तक एम्स में बतौर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर कार्ररत रहे। इसके बाद 2015 से 2016 तक वो एम्स में असिस्टेंट प्रोफेसर रहे।
इसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ प्रदेश में आदिवासियों के लिए काम करना शुरू किया। अब जनता ने उन्हें उनकी मेहनत का फल दिया और भारी मतों से मध्य प्रदेश विधानसभा में उन्हें विधायक बनाकर भेजा है।
ये भी पढ़ें: ज्योतिरादित्य सिंधिया क्यों नहीं बन पाएंगे मध्यप्रदेश के सीएम?