ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे लोग बिना सत्ता के नहीं रह सकते हैं: अशोक गहलोत
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में जिस तरह से सियासी भूचाल मचा हुआ है, उसके बाद कांग्रेस के खेमे में खलबली मच गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावती तेवर के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखा हमला बोला है। अशोक गहलोत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने लोगों के भरोसे के साथ धोखा किया है। उन्होंने ना सिर्फ लोगों के भरोसे बल्कि विचारधारा से भी विश्वासघात किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे लोगों ने यह साबित किया है कि ये लोग बिना सत्ता के नहीं रह सकते हैं। जितना जल्दी ये लोग जाएं उतना ही अच्छा है।
खुद में केंद्रित व्यक्ति
अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय संकट के समय में भाजपा के साथ हाथ मिलाना यह दर्शाता है कि वह कितना खुद में केंद्रित व्यक्ति हैं और कितना महत्वाकांक्षी है। बता दें कि जिस तरह से कमलनाथ सरकार पर खतरा म मंडरा रहा है उसके बीच मुख्यमंत्री ने 6 पत्र बागी विधायकों को मंत्री पद से हटाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है। जिन 6 विधायकों को मंत्री पद से हटाने के लिए मुख्यमंत्री ने पत्र लिखा है उनके नाम इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युमन सिंह तोमर, डॉक्टर प्रभुराम चौधरी हैं।
सिंधिया को बताया गद्दार
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। सिंधिया ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेताओं ने उन्हें 'गद्दार' बताना शुरू कर दिया। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते निष्कासित किया गया है। वहीं, कांग्रेस के नेशनल कोआर्डिनेटर डिजिटल कम्यूनिकेशन गौरव पांधी ने ट्वीट किया, 'गद्दार , गद्दार ही रहेगा और कोई भी तर्क विश्वासघात को सही नहीं ठहरा सकता है। समय!'
क्या है विधानसभा का गणित
दरअसल इस वक्त एमपी में 230 विधानसभा सीटें हैं लेकिन दो विधायकों के निधन हो जाने के चलते विधानसभा की मौजूदा सीट 228 हो गई है, किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए मैजिक नंबर 115 चाहिए होता है और जो तस्वीर इस वक्त विधानसभा में है उसके मुताबिक कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जिसमें से 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन मिला हुआ है, यानी मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं।