Majhab nahin sikhata: 'राम' के नाम पर हत्याएं करने वाले देश के सबसे बड़े दुश्मन-नुसरत जहां
कोलकाता। देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी 49 हस्तियों वाली चिट्ठी इस वक्त जबरदस्त चर्चा में है, लोग इस लेटर पर अपनी-अपनी तरह से रिएक्शन दे रहे हैं, इसी क्रम में अब इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, तृणमूल कांग्रेस की सांसद और बंगाली अभिनेत्री नुसरत जहां ने, जिन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि आज जहां हर कोई सड़क, बिजली, विमानन जैसे मुद्दों पर बात कर रहा है, मुझे खुशी है कि हमारी सोसाइटी ने एक बहुत बुनियादी मुद्दा उठाया है, इंसान की जिंदगी'।
पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी के सपॉर्ट में आईं नुसरत जहां
नुसरत ने लिखा है कि नफरत के अपराध और मॉब लिंचिंग की घटनाएं हमारे देश में बढ़ती जा रही हैं, साल 2014 से लेकर 2019 के बीच में ये घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं और इसमें दलितों, मुसलमानों और पिछड़ों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है, ये बहुत संवेदनशील मुद्दा है और मुझे लगता है कि इस बारे में अब देश का हर नागरिक अपनी आवाज उठाएगा क्योंकि इन घटनाओं को रोकना बहुत ज्यादा जरूरी है।
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'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना'
उन्होंने अपने लेटर में लिखा है कि 2019 से लेकर अब तक 11 हेट क्राइम्स और 4 हत्याएं हो चुकी हैं और ये सारे दलित और माइनॉरिटी थे, नुसरत ने अपने लेटर में लिखा कि भगवान राम के नाम पर हत्याएं की जा रही हैं. पिछली साल सुप्रीम कोर्ट ऐसे मामले रोकने का आदेश दे चुका है लेकिन सरकार खामोश है, अपने लेटर के अंत में नुसरत ने इकबाल की रचना "सारे जहां से अच्छा" की लाइन लिखी है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्तां हमारा।
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49 दिग्गजों ने लिखा पीएम मोदी को खत
आपको बता दें कि देश की नामी-गिरामी और लोकप्रिय हस्तियों ने मॉब लिंचिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, पीएम मोदी को लेटर लिखने वालों में अदूर गोपालकृष्णन, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप और अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, सौमित्र चटर्जी जैसे कई फिल्म निर्देशक और अभिनेता शामिल हैं। इन लोगों ने देश में मॉब लिंचिंग घटनाओं को अपनी चिंता व्यक्त की है। इस लेटर में अलग-अलग क्षेत्र के 49 दिग्गजों के हस्ताक्षर हैं।
आज 'जय श्री राम' एक भड़काऊ युद्ध बन गया है
इस खत में 49 दिग्गजों ने लेटर में लिखा है कि आज 'जय श्री राम' एक भड़काऊ युद्ध बन गया है, 'राम' बहुसंख्यक समाज के लिए पवित्र है, देश में लिंचिंग के मामलों पर मशहूर हस्तियों ने कहा है कि मुसलमानों, दलितों और और अल्पसंख्यकों की लिंचिंग को तुरंत रोका जाना चाहिए। हम एनसीआरबी के आंकड़े को जानकर हैरान हो गए कि साल 2016 में दलितों से अत्याचार के 840 मामले सामने आए हैं और दोषियों को सजा के मामले में कमी आई है।
कानून व्यवस्था के लिए समस्या बन गया है-मॉब लिंचिंग
23 जुलाई को लिखे इस लेटर में कहा गया कि प्रधानमंत्री जी आपने संसद में इस तरह की लिंचिंग की आलोचना कि लेकिन ये पर्याप्त नहीं है। वास्तव में अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? अफसोस है कि 'जय श्री राम' एक भड़काऊ युद्ध बन गया है। आज ये कानून व्यवस्था के लिए समस्या बन गया है और कई लिंचिंग की घटनाएं इसके नाम पर हो रही हैं।
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