#Chamkifever: 'लीची' खाने से पहले जानिए इसके फायदे और नुकसान
नई दिल्ली। इन दिनों बिहार में हाहाकार मचा हुआ है, यहां के मुजफ्फरपुर में बच्चे 'चमकी बुखार' यानी कि 'एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम' के शिकार हो रहे हैं, अभी तक बच्चों की मौत का आंकड़ा 60 तक पहुंच गया है, हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय इस गंभीर बीमारी के रोकथाम के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, ऐसा कहा जा रहा है कि उन इलाकों में इस रोग का प्रभाव ज्यादा है जहां 'लीची' ज्यादा होती है हालांकि अब तक 'लीची' और इस रोग का कोई संबंध होने का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है लेकिन इस खबर की वजह से अब हर कोई ये ही सोच रहा है कि 'लीची' खाएं कि नहीं।
बड़ा सवाल-'लीची' खाएं कि नहीं?
लेकिन आपको बता दें कि 'लीची' विटमिन सी, पोटैशियम और नेचरल शुगर का अच्छा सोर्स है और इसी वजह से इसे 'सुपर फल' भी कहते हैं,
चलिए विस्तार सा जानते हैं इसके फायदे और नुकसान को...
'लीची' खाने के फायदे
- विटामिन, मिनरल्स, एंटी-ऑक्सीडेंट और डायट्री फाइबर से भरपूर 'लीची' बेहद लाभकारी फल है।
- इसमें सैच्युरेटेड फैट या संतृप्त वसा बिल्कुल भी नहीं होता।
- 'लीची' में मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर ह्दय-गति और खून की चाल को नियंत्रित करता है।
- इसमें कॉपर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है।
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'लीची' फ्री रेडिकल्स से रक्षा करती है...
- 'लीची' में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ और खूबसूरत बनाते हैं।
- प्रति 100 ग्राम 'लीची' में विटामिन-सी की मात्रा 71.5 मिलीग्राम होती है ।
- 'लीची' फ्री रेडिकल्स से रक्षा करती है, साथ ही मेटाबॉलिज्म को भी नियंत्रित करती है।
- ऑथ्राईटिस में 'लीची' खाने से लाभ होता है और दमा के मरीजों के लिए भी 'लीची' बेहद लाभदायक फल है।
- 'लीची' सूरज की यूवी किरणों से बचाव करने में भी मदद करती है।
'लीची' खाने से नुकसान
- 'लीची' चीनी का बहुत अच्छा स्त्रोत है इसलिए डायबीटीज के रोगियों को 'लीची' खाने के दौरान सावधान रहना चाहिए।
- डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादा मात्रा में 'लीची' खाने से 'लीची सिंड्रोम' हो सकता है।
- जिससे तेज बुखार और दस्त भी हो सकते हैं।
- 'लीची' सिंड्रोम एक प्रकार का वायरल संक्रमण है जो कच्ची या आधी पक्की 'लीची' खाने पर हो सकता है।
- संक्रमण से पीड़ित मरीज को तेज बुखार, तेज सिरदर्द, चक्कर, उल्टियां व पेट में दर्द जैसे लक्षण होते हैं।
- इसे मॉनसून में नहीं खाना चाहिए बल्कि गर्मियों में ही खाना चाहिए।