भगत सिंह, सुखदेव को शहीद का दर्जा देने की मांग, नाराज परिजन करेंगे भूख हड़ताल
सुखदेव के रिश्तेदार अशोक थापर गुस्से और दुख के साथ कहते हैं कि अब तो उन लोगों के सामने भूख हड़ताल के अलावा और कोई रास्ता नहीं है
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नई दिल्ली। क्रांतिकारी सुखदेव थापर के परिजनों ने केंद्र सरकार से क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की है। सुखदेव के रिश्तेदारों का कहना है कि सरकारी उपेक्षा से वो लोग दुखी हैं। न जाने कितनी बार अर्जी पर अर्जी लगाई गई कि इन तीनों लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाए। ये बात अलग है कि आश्नासन के सिवाए कुछ नहीं मिला। परिजनों ने चेतावनी दी है कि तीनों को शहीद का दर्जा नहीं मिलने तक वे भूख हड़ताल करेंगे।
सुखदेव के रिश्तेदार अशोक थापर गुस्से और दुख के साथ कहते हैं कि अब तो उन लोगों के सामने भूख हड़ताल के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। वो लोग 23 मार्च को इन तीनों महान देशभक्तों का शहीद का दर्जा मिलने तक दिल्ली में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। इस भूख हड़ताल में भगत सिंह के परिवार के लोग भी शामिल होंगे। अशोक थापर का कहना है कि इन तीनों शहीदों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। लेकिन सरकारों की तरफ से उन लोगों को उचित सम्मान आज तक नहीं मिल पाया है। बडे़ दुख की बात है कि देश की आजादी को 70 साल हो चुके हैं लेकिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद का दर्जा नहीं मिल सका है।
देश की आजादी के लिए न जाने कितने भारतीय युवाओं ने अपने प्राणों की चिंता नहीं की। देश की आजादी के लिए खुशी खुशी फांसी के फंदे को अपने गले से लगा लिया। लेकिन आजादी के दौरान शहीद हुए लोगों से जुड़े लोग अक्सर सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हैं। देश के लिए मर मिटने वालों में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के योगदान को भूल सकता है। आज से 87 साल पहले ब्रिटिश सरकार ने सांडर्स हत्याकांड में इन तीनों क्रांतिकारियों को दोषी माना था और लाहौर के सेंट्रल जेल में फांसी दे दी थी। क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद का दर्जा देने की मांग कई बार उठ चुकी है। इसे लेकर तीनों ही परिवारों के सदस्य, रिश्तेदार अलग-अलग स्तर पर प्रयास करते रहे हैं। लेकिन अभी तक इन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिल पाया है।
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