लोकसभा में इंडियन मेडिकल काउंसिल संशोधन विधेयक 2019 पारित
नई दिल्ली। लोकसभा ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल काउंसिल संशोधन बिल 2019 पारित कर दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि इंडियन मेडिकल काउंसिल (संशोधन) विधेयक 2019 समय की मांग थी। नया बिल इंडियन मेडिकल काउंसिल अधिनियम 1956 का संशोधन है। यह विधेयक इस संबंध में इंडियन मेडिकल काउंसिल संशोधन दूसरा अध्यादेश 2019 को प्रतिस्थापित करने के लिये लाया गया है।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा कि एमसीआई में एक भी सदस्य नहीं होने और रिक्तता की स्थिति बनने के बाद 2010 की व्यवस्था का अनुसरण करते हुए शासी बोर्ड बनाया गया जिसने पिछले आठ महीने में देश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव और काम किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित डॉक्टरों वाले इस बोर्ड ने पिछले करीब आठ महीने में एमबीबीएस की 15 हजार सीटें बढ़ा दीं जो अपने आप में रिकार्ड है।
Lok Sabha has passed the Indian Medical Council (Amendment) Bill, 2019 pic.twitter.com/PYsdmYljUN
— ANI (@ANI) July 2, 2019
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने टीचरों की कमी को भी कम किया है, मिशन मोड में EWS कोटे को लागू करने का काम किया है। बोर्ड सिस्टम में पारदर्शिता लाने में सफल रहा। यहीं नहीं काउंसिल के खिलाफ होने वाले मुकदमों में भी कमी देखने को मिली है। मंत्री ने कहा कि देश को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का मिशन साफ है। आयुष्मान भारत के अंतर्गत बड़ी तादाद में लोगों को इलाज मिल रहा है।
चर्चा के दौरान कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपको यह बिल अध्यादेश के रास्ते नहीं लाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों की डॉक्टरों की काफी कमी है और इसकी वजह से गलत लोग फायदा उठा रहा हैं। वहीं बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि सरकार चुनी हुई संस्था की जगह नामित बोर्ड ला रही है, सरकार मेडिकल एजुकेशन की संस्था को भी हथियाना चाहती है।
सनी देओल ने गुरदासपुर में प्रतिनिधि नियुक्त करने पर दी सफाई, बताई ऐसा करने की वजह