Lok Sabha elections 2019: सारण में विरोध का दिलकश अंदाज, तकरार में भी इस अदब का क्या कहना !
पटना। सारण (छपरा) लोकसभा क्षेत्र बिहार की हॉट सीट में शुमार है। दिग्गज लालू यादव यहां से चार बार सांसद रहे हैं। मौजूदा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी इस सीट से तीन चुनाव जीत चुके हैं। इस बार राजीव प्रताप रूडी के सामने लालू यादव के समधी चंद्रिका राय खड़े हैं। सारण का चुनाव कई मायने में खास है। इस हाईप्रोफाइल सीट पर विरोध का अंदाज सबसे अलग है। राजीव प्रताप रूडी चंद्रिका राय की इतनी इज्जत करते हैं कि वे उनके खिलाफ एक शब्द नही बोलते। रूडी नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के काम पर वोट मांग रहे हैं। अगर आलोचना करनी है तो वे केवल लालू राज की नाकामियों और महागठबंधन पर हमला करते हैं। हालांकि चंद्रिका राय नीतीश, नरेन्द्र मोदी पर खुल कर हमला कर रहे हैं। कभी-कभी राजीव रूड़ी को भी लपेटे में ले लेते हैं।
चंद्रिका राय पर क्यों नहीं हमला करते हैं रूडी ?
चंद्रिका राय और राजीव प्रताप रूडी दोनों ही छपरा के रहने वाले हैं। दोनों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि बहुत अच्छी है। दोनों बहुत कम उम्र में विधायक बने थे। चंद्रिका राय 1985 में जब कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे तब उनकी उम्र केवल 27 साल थी। 1990 में राजीव प्रताप रूडी जब पहली बार विधायक बने थे तब उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी। इस लिहाज से भी रूड़ी, चंद्रिका राय को सीनियर मानते हैं।
चंद्रिका राय बनाम राजीव प्रताप रूडी
रूडी पटना के सबसे प्रतिष्ठित स्कूल सेंट माइकल के प्रोडक्ट हैं तो चंद्रिका राय पटना के एक और मशहूर स्कूल सेंट जेवियर्स में पढ़े हैं। राजीव प्रताप रूडी के बड़े भाई सुधीर प्रताप सिंह आइपीएस अफसर रहे हैं। वे एनएसजी के पूर्व डीजी की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। सुधीर प्रताप सिंह सेंट जेवियर्स स्कूल में चंद्रिका राय के बैचमेट थे। बड़े भाई के मित्र होने की वजह से राजीव प्रताप रूडी उनकी बहुत इज्जत करते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान वे चंद्रिका राय पर कोई टिपण्णी करने से परहेज करते हैं। उनका कहना है कि एक तो चंद्रिका जी मेरे सीनियर हैं, दूसरे वे बिहार के प्रतिष्ठत राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। मैं उनकी व्यक्तिगत आलोचना नहीं कर सकता। मुझे नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के काम पर भरोसा है। मैं क्षेत्र में लगातार सक्रिय़ रहा हूं। मैं सकारात्मक तरीके से वोट मांग रहा हूं। मुझे वैसे भी वोट मिलेंगे तो फिर चंद्रिका जी की आलोचना की क्या जरूरत है।
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चंद्रिका राय के लिए अहम है चुनाव
बहुत जद्दोजहद के बाद सारण सीट चंद्रिका राय को मिली है। उन पर लालू की विरासत को बचाने की बड़ी जिम्मेवारी है। 2014 के चुनाव में राबड़ी देवी इस सीट पर हार गयीं थीं। इसलिए लालू परिवार इस सीट पर खास नजर रखे हुए है। राबड़ी देवी की फटकार के बाद तेज प्रताप ने यहां से चुनाव लड़ने का इरादा छोड़ दिया। इसके बाद भी चंद्रिका राय पर राजनीतिक दवाब कम नहीं हुआ है। वे जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। चंद्रिका राय नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के खिलाफ बहुत आक्रामक हैं। वे दोनों पर कड़वी टिपण्णी करने में कोई कोताही नहीं कर रहे। अपने भाषणों में कहते हैं- पकौड़ा ( नरेन्द्र मोदी) और भगोड़ा (नीतीश कुमार) के दिन पूरे हो गये। अब जनता इनको सबक सिखाएगी। अगर मोदी आये तो पिछड़ों और दलितों के आरक्षण को खत्म कर देंगे। चंद्रिका राय कहते हैं कि अगर मोदी को हराना है तो पहले रूडी को हराइए।
दोनों की पत्नियां कर रहीं चुनाव प्रचार
इस चुनावी महासमर में चंद्रिका राय की पत्नी पूर्णिमा यादव और राजीप प्रताप रूडी की पत्नी नीलम प्रताप बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। नीलम हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं। वे पहले फ्लाइट सर्विस मैनेजर थीं। जब कि रूडी लाइसेंसधारी पायलट रहे हैं। इस दरम्यान दोनों का परिचय हुआ था। अभिजात्य जीवन शैली के बाद भी नीलम प्रताप चिलचिलाती धूप में गांव-गांव घूम रही हैं। वे महिला वोटरों को साधने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं।
सुहाग की जीत की कामना
जबकि दूसरी तरफ चंद्रिका राय की पत्नी पूर्णिमा यादव पटना विश्वविश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वे भी अपने पति के प्रचार के लिए भीषण गर्मी में घर-घर जा कर महिलाओं से मिल रही हैं। अपने ससुर और पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के नाम पर वोट मांग रही हैं। वे समधी लालू यादव और समधन राबड़ी देवी के नाम पर भी लोगों से समर्थन की अपील कर रही हैं।
अमित शाह ने कहा, रूडी को देंगे बड़ी जिम्मेवारी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने छपरा के चुनावी सभा में ये घोषणा की है कि अगर केन्द्र में फिर भाजपा की सरकार बनती है तो राजीव प्रताप रूडी को बड़ी और अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। इस घोषणा से एनडीए समर्थकों में बहुत उत्साह है। दरअसल अमित शाह ने रूड़ी समर्थकों के जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की है। नरेन्द्र मोदी ने शुरू में राजीव प्रताप रूडी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। लेकिन बाद में जब मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा हुई तो रूडी को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं दी गयी। इसलिए अमित शाह को रूडी के लिए ये खास घोषणा करनी पड़ी। जदयू और लोजपा ने भी रूड़ी के लिए भरपूर ताकत लगा रखी है। अभी तक जो हालात हैं उसके मुताबिक राजीव प्रताप रूड़ी की स्थिति बेहतर दिखायी पड़ रही है।
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