यूपी में अपने 'कमजोर' प्रत्याशियों को लेकर प्रियंका गांधी ने खोला बड़ा राज
प्रियंका गांधी ने एक ऐसा चौंकाने वाला बयान दिया है, जिससे यूपी में कांग्रेस और महागठबंधन के बीच एक गहरे रणनीतिक समझौते के संकेत मिले हैं।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी की 80 सीटों पर छिड़े घमासान के बीच कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने एक बड़ा बयान दिया है। दरअसल, प्रियंका अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव प्रचार के लिए रायबरेली के दौरे पर आई हुई हैं, जहां उन्होंने कांग्रेस और सपा-बसपा-आरएलडी के महागठबंधन के बीच एक रणनीतिक समझौता होने के संकेत दिए। प्रियंका गांधी ने कहा कि जिन सीटों पर उनके उम्मीदवार हल्के हैं, वो उन्होंने ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं जो भाजपा के वोट काट सकें। प्रियंका गांधी के इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में 2019 की कांग्रेस और महागठबंधन की रणनीति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
'मेरी रणनीति बहुत स्पष्ट है'
प्रियंका गांधी ने बुधवार को अपने रायबरेली दौरे पर लोगों से बात करने के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को एक बड़ा झटका लगेगा। वो बहुत बुरी तरह हारेंगे। मेरी रणनीति बहुत स्पष्ट है। यूपी में उन सीटों पर, जहां कांग्रेस मजबूत है और हमारे उम्मीदवार भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। जहां हमारे उम्मीदवार थोड़े हल्के हैं, वहां हमने ऐसे उम्मीदवार दिए हैं, जो भाजपा का वोट काटें।' प्रियंका ने आगे कहा, 'हम केवल जनता की भलाई और अपनी विचारधारा को सामने रखकर चुनाव लड़ रहे हैं। केवल नरेंद्र मोदी को इस बात की चिंता है कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा।'
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प्रियंका के बयान पर छिड़ी सियासी चर्चा
गौरतलब है कि इस बात के कयास पहले से लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस ने कई सीटों पर ऐसे उम्मीदवार खड़े किए हैं, जो भाजपा के वोट काटकर महागठबंधन को फायदा पहुंचा रहे हैं। प्रियंका गांधी के इस बयान के बाद एक बार फिर से ये चर्चा छिड़ गई है कि कांग्रेस और सपा-बसपा-आरएलडी महागठबंधन के बीच एक गुप्त रणनीतिक समझौता हुआ है। आपको बता दें कि यूपी में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच बने महागठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई थी। हालांकि शुरुआत में ऐसी चर्चाएं थी कि कांग्रेस भी महागठबंधन का हिस्सा बनेगी, लेकिन बाद में उसे शामिल नहीं किया गया। यही नहीं, सपा-बसपा और आरएलडी का महागठबंधन बनने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कई मौकों पर कांग्रेस को लेकर तीखा हमला बोल चुके हैं।
मायावती की समर्थन वापसी की धमकी
इससे पहले बीते सोमवार को ही मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर बसपा के प्रत्याशी के कांग्रेस में शामिल होने पर मायावती ने कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी भी दी थी। गुना सीट पर बसपा प्रत्याशी लोकेंद्र सिंह धाकड़ ने इसी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया को समर्थन देने के बाद लोकेंद्र सिंह धाकड़ अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल भी हो गए। इसके बाद बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में कांग्रेस भी बीजेपी से कम नहीं। एमपी की गुना लोकसभा सीट पर बीएसपी उम्मीदवार को कांग्रेस ने डरा-धमकाकर जबर्दस्ती बैठा दिया है किंतु बीएसपी अपने सिंबल पर ही लड़कर इसका जवाब देगी व अब कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार करेगी। साथ ही, यूपी में कांग्रेसी नेताओं का यह प्रचार कि बीजेपी भले ही जीत जाए, किंतु बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कांग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है। अतः लोगों का यह मानना सही है कि बीजेपी को केवल हमारा गठबंधन ही हरा सकता है। लोग सावधान रहें।'
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