कांग्रेस विधायक ने ईवीएम विवाद पर अपनी ही पार्टी पर खड़े किए सवाल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर से जोरों पर है। एग्जिट पोल के बाद खासकर जिस तरह से विपक्ष ईवीएम के प्रति आशंका जाहिर कर रहा है, उसको देखते हुए मतगणना के बाद यह देखने वाली बात होगी कि ईवीएम पर सभी दलों का रुख किस दिशा में जाता है। विपक्षी दलों में कांग्रेस समेत सभी प्रमुख दलों ने ईवीएम को लेकर अपनी सुरक्षा चिंताए जाहिर की हैं।
इसी बीच ईवीएम विवाद पर कांग्रेस के ही विधायक ने पार्टी लाइन से हटकर रुख अपनाते हुए सवाल उठाए हैं। यह मामला कर्नाटक के कांग्रेस विधायक के. सुधाकर का है। सुधाकर ने अपनी पार्टी से यह सवाल किया है कि आखिर ईवीएम में गड़बड़ी जैसी तमाम आशंकाए एक्जिट पोल के बाद ही क्यों जताई गई हैं।
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यह पहली बार नहीं है जब सुधाकर ने अपनी पार्टी और सरकार के खिलाफ बयानबाजी की हो। वे इससे पहले भी सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। आपको बता दें यह सुधाकर के इस बयान से पूर्व कांग्रेस के दो विधायकों ने पहले ही अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। सुधाकर ने पिछले साल भी जेडीएस-कांग्रेस गंठबंधन के प्रति अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए इसे अपवित्र गठबंधन करार दिया था।
चिकबल्लापुर से विधायक सुधाकर ने ताजा मामले में ट्वीट करते हुए कहा, 'व्यक्तिगत तौर पर मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ईवीएम में छेड़छाड़ का मुद्दा एक्जिट पोल की चर्चा के दौरान क्यों आया है। क्योंकि एक्जिट पोल के नतीजे तो लोगों की भावनाओं को व्यक्त करते हैं।' बाद में पीटीआई से बात करते हुए सुधाकर से सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने केवल ये कहा था कि एक्जिट पोल का ईवीएम में छेड़छाड़ के साथ कोई लेना-देना नहीं हैं।
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आपको बता दें कि सुधाकर ने अपने ट्वीट के वायरल होने के बाद प्रेस-कॉन्फ्रेस भी बुलाई जिसमें उन्होंने दोबारा सफाई देते हुए कहा कि उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने इस दौरान वरिष्ठ नेताओं से मतगणना होने तक की अपील की। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर भी निशाना साधते हुए कहा 2014 में उनकी जीत भी ईवीएम के जरिए ही तय हुई थी तो क्या ऐसे में अब उनकी जीत पर भी सवाल उठाए जाने चाहिए? अंत में विधायक ने अटकलों को विराम देते हुए यह कहा, 'मैं अभी भी कांग्रेस पार्टी का विधायक हूं।'