क्या लोकसभा चुनाव के बीच मायावती तोड़ देंगी इस दल के साथ गठबंधन?
लोकसभा चुनाव के बीच में बसपा अध्यक्ष मायावती इस दल के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा कदम उठा सकती हैं।
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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर देश के सियासी दल अलग-अलग राज्यों में गठबंधन के गणित बिठाने में लगे हुए हैं। पहले चरण के मतदान के बाद अब बाकी बचे चरणों को लेकर राजनीतिक माथापच्ची तेज हो गई है। दिल्ली समेत 4 राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिशें नाकाम होने के बाद आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया। दोनों के बीच सीटों को लेकर भी समझौता हो गया है। अब खबर है कि बसपा सुप्रीमो मायावती भी लोकसभा चुनाव के बीच गठबंधन को लेकर एक बड़ा कदम उठा सकती हैं।
आप-जेजेपी गठबंधन में शामिल हो सकती है BSP
दरअसल, हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी ने राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (एलएसपी) के साथ गठबंधन किया हुआ है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीएसपी और एलएसपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बताया जा रहा है कि ऐसे माहौल में मायावती गठबंधन को लेकर बड़ा कदम उठा सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि मायावती एलएसपी के साथ गठबंधन तोड़कर हरियाणा में बने आप-जेजेपी के नए गठबंधन में शामिल हो सकती हैं। हालांकि इसे लेकर किसी भी नेता की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि जेजेपी भी बसपा को अपने गठबंधन में शामिल करने पर विचार कर रही है।
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जाट, वैश्य, ब्राह्मण और दलित समीकरण बनाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी के नेताओं को महसूस हो रहा है कि राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ गठबंधन से बीएसपी को कोई खास सियासी लाभ नहीं होगा। इन नेताओं का मानना है कि इस गठबंधन से हरियाणा में केवल राजकुमार सैनी को ही फायदा हो सकता है। वहीं, जेजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला भी हरियाणा में जाट, वैश्य, ब्राह्मण और दलित समीकरण बनाने की कोशिश में हैं, इसीलिए वो भी बसपा के साथ तालमेल बिठाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से बसपा को गठबंधन में शामिल करने को लेकर कोई संकेत नहीं मिला है।
इनेलो के साथ गठबंधन बना और फिर टूटा
आपको बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने हरियाणा में पहले इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन किया था। दोनों दलों ने मिलकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया था। हालांकि बाद में मायावती ने इनेलो से गठबंधन तोड़ते हुए लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ समझौता कर लिया। दरअसल चौटाला परिवार में चली कलह पर मायावती ने बयान दिया था कि चौटाला परिवार के एक होने पर ही बसपा, इनेलो के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी। ऐसा ना होने की स्थिति में पार्टी गठबंधन पर पुनर्विचार करेगी। इसके बाद मायावती ने इनेलो के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। अब चर्चा है कि मायावती एक बार फिर हरियाणा में गठबंधन को लेकर बड़ा फैसला ले सकती हैं।
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