कोरोना वायरस के मद्देनजर राहत पैकेज का ऐलान करें केंद्र-राज्य सरकारें: मायावती
लखनऊ। कोरोना वायरस के मद्देनजर पीएम मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया है। इस दौरान लोगों को बेवजह घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। लॉकडाउन के दौरान जरूरत की चीजें लोगों को मिलेंगी और इसके लिए सरकारें प्रयास कर रही हैं। लॉकडाउन के बाद दैनिक मजदूरों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे देखते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों से राहत पैकेज की घोषणा करने की मांग की है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'देश की 130 करोड़ गरीब/मेहनतकश जनता पर 21 दिनों के लॉकडाउन/कर्फ्यू वाली पाबन्दियों को कड़ाई से लागू करने के बाद खासकर लोगों का पेट भरने, उनकी रोटी-रोजी की समस्या को दूर करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा राहत पैकेज की व्यवस्था बहुत ही जरूरी है।' मायावती ने इसपर तुरन्त ध्यान देने की मांग की।
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वहीं, एक और ट्वीट करते हुए मायावती ने कहा, 'इस देशबन्दी में प्राइवेट सेक्टर के लॉकडाउन को लेकर उन्हें दी गई विभिन्न रियायतों के साथ-साथ वहां काम करने वाले लोगों को भी महीने का वेतन दिलाने की व्यवस्था केन्द्र व राज्य सरकारों को सुनिश्चित करनी चाहिए। लोगों से भी अपील है कि वे सरकारी निर्देशों का अनुपालन करें।'
इसके पहले भी मायावती ने सभी सरकारों से रोजमर्रा की जरूरतों को, खासकर गरीबों व मजदूरों को मुफ्त या फिर उन्हें काफी कम दामों पर उपलब्ध कराने की अपील की थी। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के अब तक 600 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जबकि इस वायरस के कारण 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस से अभी तक 43 लोग ठीक भी हो चुके हैं। लॉकडाउन के बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी जिसमें देश के 80 करोड़ लोगों को 2 रु प्रति किलो के हिसाब से गेंहू और 3 रु प्रति किलो के हिसाब से चावल देने का निर्णय लिया गया है।