त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ, 9 विधायक भी बने मंत्री
त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ ग्रहण के बाद उत्तराखंड के 9 विधायकों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली। इनमें 7 कैबिनेट मंत्री बनाए गए, जबकि 2 विधायकों को राज्य मंत्री बनाया गया।
नई दिल्ली। उत्तराखंड विधासभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड बहुमत से जीत के बाद आज यानी शनिवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी और अमित शाह समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता उपस्थित थे। शुक्रवार को ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के होटल पैसिफिक में भाजपा विधायक दल की बैठक में फैसला किया गया था कि अगले पांच सालों के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री होंगे, जिसके बाद अब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली है।
इन नेताओं ने भी ली मंत्रीपद की शपथ
त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ ग्रहण के बाद उत्तराखंड के 9 विधायकों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली। इनमें सतपाल महाराज, प्रकाश पंत, हरक सिंह रावत, मदन कौशिक, यशपाल आर्या, अरविंद पांडे, सुबोध उनियाल, श्रीमती रेखा आर्या (राज्य मंत्री) और धन सिंह रावत (राज्य मंत्री) हैं। शपथ ग्रहण समारोह से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में शहीद स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि भी अर्पित की थी। सीएम पद की रेस में बीसी खंडूरी, विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज और प्रकाश पंत भी थे, लेकिन शीर्ष नेताओं ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर मुहर लगाई।
शपथ ग्रहण में पहुंचे पीएम मोदी
त्रिवेंद्र सिंह रावत के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, उमा भारती, जेपी नड्डा और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद हैं। इनके अलावा भी इस शपथ ग्रहम में गौरतलब है कि 70 विधानसभा सीट वाले उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीटें हासिल की हैं, जबकि सत्ता में रही कांग्रेस को मात्र 11 सीटें मिली हैं।
कौन हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत?
त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म 20 दिसंबर, 1960 को उत्तराखंड के गांव खैरासैण में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री प्रताप सिंह रावत और माता का नाम श्रीमती बोद्धा देवी था। उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता रावत एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। रावत ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया और वह इतिहास से पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके हैं। उनकी दो बेटियां हैं। यहां आपको बताते चलें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत बेहद साफ छवि के नेता हैं और उन पर एक भी केस दर्ज नहीं है। रावत ने चुनाव आयोग में दायर किए गए हलफनामे में 1 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति दिखाई है।
अमित शाह के करीबी
कहा जा रहा है कि रावत बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी हैं, इसलिए उन्हें सीएम की पोस्ट मिली। 56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत डोइवाला सीट से विधायक हैं और इस वक्त वह पार्टी की झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं। यही नहीं उनकी जड़ें आरएसएस से जुड़ी हैं। वह 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और उस दौरान वह उत्तराखंड अंचल और बाद में राज्य के संगठन सचिव भी रहे हैं। वह पहली बार 2002 में डोइवाला सीट से एमएलए बने, तब से वहां से तीन बार चुने जा चुके हैं और 2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे हैं।