महागठबंधन का मंच बनेगा कुमारस्वामी का शपथ ग्रहण समारोह
बेंगलुरू। कर्नाटक में जारी सियासी उथल-पुथल अब लगभग समाप्त हो चुकी है। भाजपा की ढ़ाई दिन की सरकार गिर गई और कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन की सरकार के हाथों में कर्नाटक की कमान पहुंचने वाली है। येदुरप्पा के इस्तीफे के बाद राज्यपाल ने जेडीएस अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी को सरकार बनाने का न्यौता दिया है। सोमवार को कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। दोपहर 12 से 1 बजे के बीच में राजभवन में शपथ समारोह का आयोजन किया जाएगा।
कुमारस्वामी के शपथ समारोह में बीएसपी प्रमुख राहुल गांधी, मायावती, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, डीएमके नेताओं, राजद नेता तेजस्वी यादव और आरएलडी नेता अजित सिंह शामिल होंगे।
कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा को महज ढाई दिन में इस्तीफा दिलवाने से उत्साहित कांग्रेस अब विपक्षी खेमे को बुलाकर शक्ति प्रदर्शन करने के मूड में है. कर्नाटक में सोमवार को जेडीएस नेता कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वह शाम को राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलकर उन्हें विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपेंगे.
2019 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाने में जुटी कांग्रेस ने इस मौके के लिए कई दलों के नेताओं को बुलाया है. कांग्रेस (78 सीटें) कर्नाटक में जेडीएस (37 सीटें) के मुकाबले करीब दोगुनी सीट लाकर भी सहयोगी की भूमिका में है.
कांग्रेस ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में बीएसपी प्रमुख मायावती, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर, आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, डीएमके नेताओं, राजद नेताओं सहित आरएलडी नेता अजित सिंह को बुलावा भेजा है। कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान महागठबंधन का मंच एक बार फिर से सजेगा। 2019 के लिए कांग्रेस जिस महागठबंधन की तैयारी कर रही है, उसकी झलक कुमारस्वामी के शपथ समारोह में दिखेगा।
कांग्रेस भले ही यहां सीएम पद पाने में सफल न सकी हो, लेकिन बीजेपी के खिलाफ इस लड़ाई में जीत हासिल कर उसने बड़ा संदेश दिया है। कर्नाटक में सत्ता पाने का कांग्रेस का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ गठबंधन का नेतृत्व करना है, इसलिए कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी ने तमाम विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है।