जानिए क्या-क्या होगा डिजिटल इंडिया वीक में
जनता को सशक्त बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को शुरू करने के उद्देश्य से अनेक पहल की गई हैं। कुछ पहल के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और रोजगार तथा वाणिज्य आदि से संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न सेवाओं का विस्तार हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया सप्ताह का शुभारंभ किया।
डिजिटल इंडिया की भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के रूप में परिकल्पना की गई है। ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था बनाने के लिए और समस्त सरकार की समकालिक और समन्वित भागीदारी द्वारा प्रत्येक नागरिक के लिए सुशासन लाने के उद्देश्य से इस अकेले कार्यक्रम के अधीन विभिन्न पहलों को शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री खुद करेंगे निगरानी
यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों के सहयोग से तैयार और समन्वित किया गया है। प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की निगरानी समिति के अध्यक्ष हैं, इसलिये डिजिटल इंडिया के अधीन गतिविधियों पर सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है। सभी वर्तमान और आगामी ई-शासन पहलों को डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों के अनुसार संशोधित और पुन: तैयार किया गया। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विजन का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स सेवाओं, उत्पादों, विनिर्माण और रोजगार के अवसरों आदि के क्षेत्रों का समग्र विकास करने का भी है।
डिजिटल इंडिया का विजन तीन मुख्य क्षेत्रों पर केन्द्रित है
- डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रत्येक नागरिक की उपयोगिता के रूप में।
- मांग पर शासन एवं सेवायें।
- नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण।
उपरोक्त विजन के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य ब्रॉडबैंड हाईवे, मोबाइल जुड़ाव के लिए वैश्विक पहुंच, सार्वजनिक इंटरनेट पहुंच कार्यक्रम, ई-शासन : प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार, ई-क्रांति सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति की जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण : लक्ष्य शून्य आयात, रोजगार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और शीघ्र हार्वेस्ट कार्यक्रम उपलब्ध कराने का है।
अनेक परियोजनायें/उत्पाद या तो पहले ही लांच किये जा चुके है या लांच किये जाने के लिए तैयार है। जैसाकि नीचे दर्शाया गया है-
- डिजिटल लॉकर प्रणाली का उद्देश्य वस्तुगत दस्तावेजों के उपयोग को न्यूनतम करना और विभिन्न एजेंसियों में ई-दस्तावेज की हिस्सेदारी में समर्थ बनाना है। ई-दस्तावेज की हिस्सेदारी पंजीकृत संग्राहकों के माध्यम से की जाएगी, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी।
- माईगोव डॉट इन ''डिस्कस'' ''डू'' और ''डिसिमिनेट'' पहुंच के द्वारा शासन में लगे प्रत्येक नागरिक के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में लागू की गई है। माईगोव के लिए मोबाइल ऐप एक मोबाइल फोन पर प्रयोगकर्ताओं के लिए ये विशिष्टताएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) मोबाइल ऐप का उपयोग स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जनता और सरकारी संगठनों द्वारा किया जा सकेगा।
- ई-साइन ढांचे से नागरिक आधार प्रामाणिता उपयोग करते हुए ऑनलाइन दस्तावेजों पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर कर सकेंगे।
- ई-हॉस्पिटल एप्लीकेशन के अधीन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) शुरू किया गया है। यह एप्लीकेशन ऑनलाइन पंजीकरण, शुल्क और मिलने के निश्चित समय का भुगतान, ऑनलाइन निदान रिपोर्ट, ऑनलाइन रक्त की उपलब्धता की जानकारी जैसी मुख्य सेवायें उपलब्ध कराएगी।
- नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल से छात्रों के आवेदन पत्र जमा करने, सत्यापन, स्वीकृति और सभी लाभार्थियों को भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही छात्रवृत्तियों के वितरण तक की प्रक्रिया का एक मुश्त समाधान हो सकेगा।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने देश में व्यापक स्तर पर रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने के लिए डिजिटाइज इंडिया प्लेटफॉर्म (डीआईपी) नामक एक पहल शुरू की गई है, जो नागरिकों को कुशल सेवायें प्रदान करेगी।
- भारत सरकार ने भारत नेट नामक एक पहल शुरू की है, जो देश की ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए उच्च गति का डिजिटल हाईवे है।
- बीएसएनएल ने 30 साल पुराने एक्सचेंजों को हटाने के लिए नेस्ट जनरेशन नेटवर्क (एनजीएन) शुरू किया है, जो वॉयस, डाटा, मल्टीमीडिया/वीडियो और अन्य सभी प्रकार की पैकेट स्विच संचार सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए आईपी आधारित प्रौद्योगिकी है।
- बीएसएनएल ने पूरे देश में वाई-फाई, हॉटस्पोट्स की तैनाती की है। इससे उपयोगकर्ता अपने मोबाइल उपकरणों द्वारा बीएसएनएल वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग कर सकता है।