विदेश में फंसे लोगों को घर वापस लाने के लिए इन्हें अधिक प्राथमिकता देगी सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार विदेशों में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के दौरान दूसरों पर सुनिश्चित परिस्थितियों को प्राथमिकता देगी और उनके आपातकाल स्थिति की फिर से पड़ताल करेगी। इनमें वो लोग शामिल हैं, जिन व्यक्तियों को नौकरी से बाहर किया गया है, वे लोग जो शॉर्ट टर्म वीजा होल्डर हैं और वे जिन्हें चिकित्सा आपातकाल में स्वदेश वापस लौटना है या जिनके परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हुई है। हालांकि कॉलेज के छात्रों की प्राथमिकता दी जाएगी।
आवास मामलों के मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को राष्ट्र के बाहर फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने के कार्य को गति देने के लिए कॉमनप्लेस वर्किंग प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किए हैं। इसके अलावा उन लोगों के लिए जो खुद को भारत में फंसे हुए पाते हैं और जिन्हें कुछ दबावों के परिणामस्वरूप विदेश की यात्रा करने की जरूरत है।
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गौरतलब है विदेश मंत्रालय (एमईए) ने मंगलवार को जारी एक बयान में जानकारी साझा किया था कि संघीय सरकार एक सप्ताह के ऑपरेशन में 13 विदेशी स्थानों में फंसे 14,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को 64 फ्लाइट्स और तीन नेवी युद्धपोतों से निकालेगी।
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संघीय सरकार द्वारा जारी एसओपी-
- दुर्दशा में परिस्थितियों में मजबूर, पूर्ववर्ती कर्मचारियों, नौकरी से निकाले गए मजदूर, शॉर्ट टर्म वीजा खत्म होने का सामना करने वाले को प्राथमिकता जाएगी।
- गृह मंत्रालय ने कहा कि मेडिकल इमरजेंसी, गर्भवती लड़कियों, वृद्ध, परिवार के सदस्य के मरने के कारण भारत लौटने की आवश्यकता वालों और कॉलेज के छात्रों को भी प्राथमिकता दिया जा सकता है।
- स्वदेश वापसी की इच्छा रखने वाले को सभी को विशेष राष्ट्र के भारतीय मिशनों को पंजीकरण कराने की आवश्यकता होगी।
- प्राप्त पंजीकरणों के आधार पर MEA ऐसे सभी यात्रियों की उड़ान या जहाज के डेटाबेस को एक साथ रखेगी, जिसमें विशेष रूप से पहचान, आयु, लिंग, मोबाइल फोन की मात्रा, निवास स्थान, अंतिम अवकाश स्थान की जगह और आरटी-पीसीआर चेक के ज्ञान और उसके परिणाम पर रखए जाएंगे।
- MEA राज्य / संघ के चालाक नोडल अधिकारियों को नामित करेगा जो राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे।
- आने वाली उड़ान / जहाज का शेड्यूल (दिन, स्थान और आगमन का समय) संभवतः MEA की वेबसाइट पर कम से कम दो दिनों की खोज के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
- यात्रा की कीमत यात्रियों द्वारा वहन की जाएगी।
- लौटने वाले लोगों को आगमन पर आरोग्य सेतु ऐप भी प्राप्त करना पड़ सकता है।
- भारत में आगमन पर सभी यात्रियों को कम से कम 14 दिनों के लिए अपने स्वयं के खर्च पर आइसोलेशन करना चाहिए।
- 14 दिनों के बाद आइसोलेशन में अगर उनके टेस्ट प्रतिकूल आते हैं तो उन्हें आवास पर जाने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन उन्हें 14 दिनों की अतिरिक्त स्व-निगरानी अपने आवास पर कर सकते हैं। शेष लोगों को राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चिकित्सा सुविधा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।