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टायर की दुकान पर चार्ज हो रहे मोबाइल को चुराकर की थी फिरौती की कॉल, कार भी थी दूसरे की

एक दोस्त की इंडिका गाड़ी किसी निजी काम का कारण बताकर ली गई थी। उसके बाद पुणे के देहूगांव में टायर के दुकान पर गाड़ी रोककर चार्जिंग पर लगे मोबाइल से सिम कार्ड चोरी किया गया।

By गुणवंती परस्ते
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पुणे। बिजनेस की हालत खराब होने से और सिर पर काफी कर्ज होने की वजह से सात साल के एक बच्चे को अपहरण करने का मामला सामने आया है। पुणे में एक सात साल के बच्चे का कुछ दिनों पहले अपहरण कर लिया गया था। सात साल के बच्चे को 60 लाख की फिरौती के लिए अपहरण करने वाले अपहरणकर्ताओं को आखिरकार पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तीन दिन पहले पुणे की एक सोसायटी की पार्किंग में सात साल का ओम खेल रहा था, खेलते समय ओम को अपहरणकर्ताओं ने किडनैप कर लिया और कार में बैठाकर फरार हो गए। पुलिस के खौफ के चलते अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को छोड़ दिया था लेकिन बच्चे को सुरक्षित छोड़ने के चंद घंटों बाद ही अपहरणकर्ता पुलिस की गिरफ्त में थे। इस मामले में पुलिस ने रोशन नंदकुमार शिंदे (20) और अक्षय काशिनाथ जामदारे (21) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये जानकारी पुणे पुलिस कमिश्नर रश्मी शुक्ला ने पत्रकार परिषद में दी।

23 सितंबर की है घटना

23 सितंबर की है घटना

अपहरणकर्ताओं ने घटना के बार में पुलिस या फिर मीडिया को बताने पर बच्चे को खत्म करने की धमकी भी दी थी। बच्चे की जिंदगी की परवाह करते हुए मीडिया ने भी इस खबर को नहीं छापा था। ये घटना पुणे में 23 सितंबर के दौरान पुर्णानगर, चिंचवड में घटी थी। ओम संदीप खरात अपने घर के सामने दोस्तों के साथ खेल रहा था। तभी एक सफेद रंग की कार में दो लोग आए और ओम को जबरदस्ती कार में बैठाकर ले गए। अपहरण करने के 20 मिनट बाद ओम के पिता संदीप खरात को अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम के लिए कॉल किया था।

मीडिया ने भी नहीं छापी थी खबर

मीडिया ने भी नहीं छापी थी खबर

बच्चे की जान सही सलामत चाहते हो, ऐसा कहकर 60 लाख रुपए की मांग की थी। दोनों आरोपी दोस्त हैं, रोशन शिंदे ने जनवरी 2017 के समय पुणे के देहूगांव में मोरया मोटार ड्राइविंग स्कूल शुरू किया था। ड्राइविंग स्कूल शुरू करने के लिए उसने साहूकारों से काफी कर्ज लिया था। कर्ज चुकाते-चुकाते उसकी हालात काफी खस्ता हो गई थी और काफी तंगी में घर चला रहा था। रोशन शिंदे को बिजनेस में काफी नुकसान हुआ था और ड्राइविंग स्कूल बंद हो गया था। पैसों को जरूरत को पूरा करने के लिए रोशन और अक्षय ने अपहरण का प्लान बनाया। ओम के पिता संदीप खरात एक बिजनेसमैन हैं। अक्षय जामदारे पहले संदीप खरात के यहां काम करता था, उसने ही रोशन को संदीप खरात के बेटे को अपहरण करने की सलाह दी और अक्षय ही इस पूरे कांड का मास्टरमांइड भी था।

गाड़ी की डिग्गी में बांधे रखा बच्चा

गाड़ी की डिग्गी में बांधे रखा बच्चा

बच्चे को किडनैप करने के बाद दोनों ने गाड़ी की डिग्गी में ही बच्चे को बांधकर रखा था। बच्चे के पिता को जब फिरौती के लिए कॉल किया गया तब पिता ने पुलिस से संपर्क कर घटना की पूरी जानकारी दी। पुलिस लगातार दो दिनों से अपहरकर्ताओं को पकड़ने के लिए जुटी हुई थी, शहर में बड़े पैमाने पर नाकाबंदी की गई थी। आरोपियों को पुलिस की नाकाबंदी की भनक लग गई थी और ये डर सताने लगा था कि अब उनका पकड़ा जाना पक्का है। इसलिए उन्होंने पुलिस में पकड़े जाने के डर से तुरंत बच्चे को पिता के फैक्टरी के गोदाम में सोमवार की रात 8.30 बजे के करीब छोड़ दिया था और वहां से फरार हो गए थे। पुलिस को उनके खबरी द्वारा दोनों अपहरणकर्ताओं की जानकारी मिल गई थी। जिसमें से एक अपहरणकर्ता होटल में खाना खा रहा था, तभी पुलिस ने होटल में जाकर ही आरोपी को धर दबोचा।

कैसे रचा अपहरण का प्लान?

कैसे रचा अपहरण का प्लान?

आरोपियों ने बच्चे के अपहरण के लिए काफी प्लानिंग की थी। आरोपियों ने पुणे के जुना बाजार से एक मोबाइल खरीदा। एक दोस्त की इंडिका गाड़ी किसी निजी काम का कारण बताकर ली गई थी। उसके बाद पुणे के देहूगांव में टायर के दुकान पर गाड़ी रोककर चार्जिंग पर लगे मोबाइल से सिम कार्ड चोरी किया गया। गाड़ी के दो नंबर प्लेट बनवाए गए। उसके बाद आरोपी लगातार तीन दिनों तक संदीप खरात के घर पर नजर रखे हुए थे। शनिवार को ओम घर के सामने खेल रहा था तब उसे जबरदस्ती कार में बैठाकर ले गए। उसके बाद आरोपियों ने ओम के पिता को फिरौती की रकम के लिए कॉल किया और 60 लाख रुपए की मांग की। संदीप खरात ने तुंरत पुलिस को संपर्क किया और पुलिस ने मामले की नजाकत को समझते हुए कारवाई तेज कर दी। जगह-जगह पर नाकाबंदी लगा दी गई और पुलिस का कड़ा बंदोबस्त रखा गया।

डर गए किडनैपर्स तो फैक्ट्री पर बच्चे को छोड़ा

डर गए किडनैपर्स तो फैक्ट्री पर बच्चे को छोड़ा

आरोपियो ने संदीप खरात से पहले 60 लाख रुपए की मांग की उसके बाद डील 20 लाख तक में फाइनल हुई। ओम पूरे तीन दिन तक आरोपियों के कब्जे में था। ओम को पहले वो किडनैप करके बीड ले गए, वहां कार में ही घूमते रहे और सड़क के किनारे ही कार में आराम किया करते थे। आखिरकार आरोपियों ने सोमवार की रात को ओम को लाकर संदीप खरात के फैक्टरी के गोदाम में छोड़ दिया था। उसके कुछ चंद घंटों बाद ही दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।

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English summary
Kidnappers of kid exposed by Maharashtra Police
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