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स्वर्ण मंदिर में कार्यक्रम के दौरान खालिस्तानी झंडे लहराए गए

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अमृतसर, 06 जून। ऑपरेशन ब्लू स्टार के 6 साल होने के मौके पर अमृतसर में कई जगहों पर प्रदर्शन किया जा रहा है। अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के भीतर श्री हरमिंदर साहिब में ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान कुछ लोगों ने खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल भिंडरावाले का पोस्टर और खालिस्तानी झंडा लहराया। इस प्रदर्शन की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमे देखा जा सकता है कि खालिस्तानी झंडा और भिंडरावाले के पोस्टर लहराए जा रहे हैं।

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गौर करने वाली बात है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37 बरसी के मौके पर अमृतसर समेत पूरे पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त कर दिया गया है। अमृतसर पुलिस कमिश्नर की ओर से कहा गया है कि पूरे शहर में निगरानी रखी जा रही है, इसके लिए 6000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। लेकिन तमाम सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद जिस तरह से खालिस्तानी झंडे दिखाए जा रहे हैं वह सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।

बतादें कि आज से 37 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर के भीतर छिपे आतंकियों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया था। इस ऑपरेशन के दौरान कई लोगों की जान चली गई थी और मंदिर परिसर को भी काफी नुकसान पहुंचा था। इस ऑपरेशन से सिख समुदाय काफी नाराज था और इंदिरा गांधी के सिख बॉडीगार्ड ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश में दंगे भड़क गए थे जिसमे तकरीबन 3000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।

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खालिस्तान आंदोलन की बात करें तो 1947 में जिस तरह से देश को दो हिस्सों में बांटा गया और पाकिस्तान का निर्माण हुआ ठीक उसी तरह से सिख नेता खालिस्तान की मांग कर रहे थे। इस मांग को लेकर आजादी के बाद तक आंदोलन चलता रहा। इस आंदोलन में अभी तक कई लोगों की जान जा चुकी है। इस पूरे आंदोलन की शुरुआत पंजाबी भाषा बोलने वालों के लिए अलग प्रदेश की मांग पंजाबी सूबा से हुई थी, जिसे 1966 में स्वीकार भी कर लिया गया था और भाषा के आधार पर ही हरियाणा, पंजाब और केंद्र शाषित प्रदेश चंडीगढ़ की स्थापना हुई थी। लेकिन पंजाबी भाषा की मांग के आधार पर प्रदेश की मांग को इंदिरा गांधी ने खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि यह देशद्रोही मांग है। जिसके बाद 1980 में खालिस्तान को अलग देश बनाने की मांग होने लगी और बाद में यह आंदोलन हिंसक हो गया।

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English summary
Khalistani flag and Jarnail Bhindranwale poster shown in an event in Golden Temple.
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