केरल: बैन पर बोले PFI राज्य सचिव- देश के कानून का करते हैं पालन, संगठन को ये फैसला स्वीकार
नई दिल्ली, 28 सितंबर: केंद्र सरकार पिछले कई महीनों से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर लगाम कस रही थी। इस बीच बुधवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई को बैन करने का आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद से देशभर में उसके कार्यालयों को बंद करवाया जा रहा। साथ ही उससे जुड़े होर्डिंग-पोस्टर भी हटवाए जा रहे। इस बीच केरल में पीएफआई के राज्य सचिव अब्दुल सत्तारी का बयान सामने आया है। जिसमें सत्तारी ने कार्यकर्ताओं से कानून का पालन करने की अपील की। इस अपील के बाद राज्य सचिव को गिरफ्तार कर लिया गया।
सत्तारी ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सभी पीएफआई सदस्यों और जनता को सूचित किया जाता है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को भंग कर दिया गया है। एमएचए ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है। हमारे महान देश के कानून का पालन करने वाले नागरिकों के रूप में संगठन इस निर्णय को स्वीकार करता है। वहीं पोस्ट के कुछ ही देर बाद केरल पुलिस ने उसको अलाप्पुझा से गिरफ्तार कर लिया।
कई
दिनों
से
था
फरार
जानकारी
के
मुताबिक
कुछ
दिनों
पहले
एनआईए
ने
देशभर
में
छापेमारी
की
थी,
जिसमें
बड़ी
संख्या
में
पीएफआई
कार्यकर्ता
गिरफ्तार
हुए।
इसके
बाद
23
सितंबर
को
संगठन
ने
राज्यव्यापी
हड़ताल
बुलाई।
इस
दौरान
कई
जगहों
पर
हिंसा
हुई।
सत्तारी
पर
भी
हिंसा
में
लिप्त
होने
का
आरोप
है।
उसकी
तलाश
कई
दिनों
से
पुलिस
को
थी,
लेकिन
वो
अंडरग्राउंड
हो
गया
था।
फिलहाल
अब
उसे
पुलिस
ने
गिरफ्तार
कर
लिया
है।
जल्द
उसे
एनआईए
को
सौंपा
जा
सकता
है।
PFI के चार संदिग्ध सदस्य वाराणसी और जौनपुर से गिरफ्तार, एटीएस टीम कर रही पूछताछ
केरल
में
सबसे
ज्यादा
गिरफ्तारियां
एनआईए
ने
पिछले
हफ्ते
देश
के
15
राज्यों
के
93
स्थानों
पर
छापेमारी
की
थी।
जिसमें
आतंकी
गतिविधियों
का
समर्थन
करने
वाले
100
से
ज्यादा
पीएफआई
नेताओं
की
गिरफ्तारी
हुई।
इसमें
सबसे
ज्यादा
22
गिरफ्तारियां
केरल
से
हुई
थीं।