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तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर केंद्र से भिड़ी केरल सरकार, अडानी की बोली वापस लेने की मांग

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नई दिल्ली। तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को पीपीपी मोड के तहत दिए जाने को लेकर केंद्र और केरल की पिनराई विजयन सरकार आमने-सामने आ गए हैं। केरल सरकार ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को अडानी इंटरप्राइजेज को 50 साल के लिए लीज पर दिए जाने का विरोध किया है। राज्य सरकार ने गलत प्रक्रिया से फैसला लेने का आरोप लगाया है। इसे लेकर गुरुवार को राज्य सरकार की एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जिसमें सर्वसम्मति से केंद्र से फैसला वापस लेने की मांग की। केरल सरकार के आरोप के बाद केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट कर राज्य सरकार के आरोपों का जवाब दिया।

क्या है पूरा मामला ?

क्या है पूरा मामला ?


केंद्र सरकार ने बीते दिनों देश भर में कई हवाई अड्डों को पीपीपी मोड में देने का फैसला किया था। इनमें तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा भी शामिल है। यहां खास बात यह है कि तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के लिए पीपीपी मोड में बोली लगाने वालों में केरल सरकार भी शामिल थी। केरल सरकार को राज्य में दो हवाई अड्डों को पीपीपी मोड में चलाने का अनुभव हासिल है। केरल सरकार का कहना है कि केरल सरकार ने अडानी एंटरप्राइजेज के बराबर ही बोली लगाई थी। बावजूद इसके केंद्र सरकार ने केरल सरकार को दरकिनार कर अडानी को हक में फैसला दिया।

केरल के सीएम ने पीएम मोदी को लिखा खत

केरल के सीएम ने पीएम मोदी को लिखा खत


इसे लेकर ही गुरुवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के संचालन और पर्यवेक्षण के फैसले को वापस लेने की मांग की गई। इसके बाद पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। पत्र में लिखा कि 'आपसे अनुरोध है कि राज्य सरकार के हवाई अड्डों का प्रबंधन कुशलता से करने के अनुभव के बावजूद एक निजी कंपनी को हवाई अड्डों का नियंत्रण और परिचालन सौंपने के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए हस्तक्षेप करें।'

नागर विमानन मंत्री ने दिया जवाब

नागर विमानन मंत्री ने दिया जवाब


राज्य सरकार के विरोध में नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी सामने आए और राज्य सरकार के आरोपों पर खुलकर जवाब दिया। पुरी ने कहा कि हवाई अड्डों को पीपीपी मोड में दिए जाने को लेकर सभी तय प्रक्रियाओं को पालन किया। पुरी ने बताया कि केरल सरकार तिरुवनंतपुर हवाई अड्डे की अर्हता को पूरी नहीं करती थी। पुरी ने ट्वीट कर बताया कि बोली में पट्टा हासिल करने वाली कंपनी की बोली में 168 रुपये प्रति यात्री शुल्क था जबकि केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (केएसआईडीसी) ने 135 रुपये की बोली लगाई थी जबकि तीसरी कंपनी 63 रुपये की बोली लगाई थी।

10 प्रतिशत से नीचे था KSIDC का अंतर

10 प्रतिशत से नीचे था KSIDC का अंतर


पुरी ने आगे बताया कि केंद्र और केरल सरकार के बीच सहमति बनी थी कि अगर केएसआईडीसी और जीतने वाली बोली में 10 प्रतिशत का अंतर रहता है तो केरल सरकार को ही पट्टा दिया जाएगा लेकिन तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट मामले में यह अंतर 19 प्रतिशत का था इसलिए पट्टा अडानी के हक में गया। केरल सरकार को विशेषाधिकार दिए जाने के बावजूद वे अर्हता पूरी नहीं कर सके और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत बोली अडानी को मिली।

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English summary
kerala government oppose handing over Thiruvananthapuram airport to adani.
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