इन 28 गेम्स का इस्तेमाल कर Malware अटैक कर रहे साइबर अपराधी, अब तक 3.84 लाख लोगों का शिकार
28 ऐसे गेम्स की पहचान की गई है, जिसका इस्तेमाल कर गत एक साल में हुआ। 3.84 लाख यूजर्स प्रभावित हुए। Malware in 28 games like Roblox Minecraft Kaspersky research
नई दिल्ली, 15 सितंबर : तकनीक के इस्तेमाल के साथ इसमें खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। तकनीक से जुड़ी ऐसी ही परेशानी का नाम मैलवेयर है। 28 ऐसे गेम्स की पहचान की गई है, जिसका इस्तेमाल कर गत एक साल में हुआ। 3.84 लाख यूजर्स प्रभावित हुए। जिनमें मैलवेयर पाए गए इनमें Roblox, FIFA, PUBG और Minecraft जैसे लोकप्रिय गेम्स के नाम शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक गेम्स में मैलवेयर का इस्तेमाल जुलाई 2021 और जून, 2022 के बीच हुआ। गलत इरादों के साथ लगभग 92,000 फाइल 3,84,000 से अधिक यूजर्स के डिवाइस में डाले गए। एंटीवायरस कंपनी- कैसपर्सकी से जुड़े रिसर्चर्स के अनुसार, पिछले साल साइबर हमलावरों ने Elden Ring, Halo और Resident Evil जैसे गेम्स का इस्तेमाल भी किया। गेम्स की आड़ में 'रेडलाइन' (RedLine) मैलवेयर फैलाया गया था।
RedLine पासवर्ड-चोरी करने वाला सॉफ़्टवेयर है। जिस डिवाइस में ये मैलवेयर जाता है उसका संवेदनशील डेटा- मसलन पासवर्ड, सेव किए गए बैंक के कार्ड की डिटेल, क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) से जुड़ी जानकारी यानी आईडी-पासवर्ड में सेंध लगा सकता है।
कैसपर्सकी के सीनियर सिक्योरिटी रिसर्चर एंटोन वी इवानोव ने बताया, साइबर अपराधी, गेम खेलने वाले या अपने डिवाइस में गेम इंस्टॉल रखने वाले लोगों के क्रेडिट कार्ड डेटा और यहां तक कि गेम के लिए बनाए गए अकाउंट हैक या चुराने के लिए अधिक से अधिक नई योजनाएं और उपकरण बना रहे हैं। इसमें महंगी खालें हो सकती हैं जिन्हें बाद में बेचा जा सकता है। उदाहरण के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहे ई-स्पोर्ट्स पर हमले हो रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने ट्रोजन स्पाईज़ का भी पता लगाया है। बड़ी संख्या में डाउनलोडर्स के अलावा अन्य अवांछित प्रोग्राम और adware भी स्थापित करने में सक्षम हैं। ट्रोजन स्पाईज स्पाइवेयर की ही एक श्रेणी है। इसका इस्तेमाल कर कीबोर्ड पर दर्ज किए गए किसी भी डेटा को ट्रैक किया जा सकता है। हैकर्स डिवाइस का स्क्रीनशॉट भी ले सकते हैं।
CS:GO, PUBG and Warface के इन-गेम स्टोर्स के पूरे इंटरफेस की नकल करते हुए, स्कैमर्स धोखाधड़ी वाले पेज बनाते हैं। जिन लोगों पर साइबर हमला होने की आशंका होती है, ऐसे लोगों पर मैलवेयर अटैक करने वाले लोग हथियार और कलाकृतियां मुफ्त में देने का वादा करते हैं। उपहार पाने के लिए खिलाड़ियों को अपने सोशल नेटवर्क अकाउंट की डिटेल, जैसे- फेसबुक या ट्विटर की लॉगिन डिटेल फिल करनी होती है।
कैसपर्सकी की रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया अकाउंट पर कब्जा करने के बाद, साइबर हमलावर कार्ड की डिटेल में सेंध लगा सकते हैं। अगर आपने किसी को पर्सनल मैसेज के माध्यम से अपने कार्ड की डिटेल भेजी है तो साइबर क्रिमिनल यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आपकी आईडी का इस्तेमाल कर आपके सोशल नेटवर्क के दोस्तों से पैसे मांगे जा सकते हैं। क्योंकि आईडी आपकी होगी, ऐसे में सोशल नेटवर्क पर आपके दोस्तों आपके ऊपर भरोसा करते हैं। मैसेज को वेरिफाई न करने की आदत बड़ा नुकसान करा सकती है।
दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल कर हमला करने वाले यूजर्स संवेदनशील डेटा जमा कर कुछ सबसे लोकप्रिय गेमिंग खिताब देने का वायदा करते हैं। 2021 की पहली छमाही की तुलना में ऐसे मामले 13 प्रतिशत बढ़े हैं। वेरिफाईड सोर्स न होने पर मुफ्त में नए गेम डाउनलोड करने के प्रयासों के कारण खिलाड़ियों को वास्तव में दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर या मैलवेयर अटैक का सामना करना पड़ा। उनके गेमिंग अकाउंट के अलावा बैंक अकाउंट के पैसे भी साफ हो गए।
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