मैं अब कभी जस्टिस दीपक मिश्रा की कोर्ट में केस की पैरवी करने नहीं जाऊंगा- कपिल सिब्बल
नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कोर्ट में किसी भी मामले की पैरवी करने के लिए नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि जस्टिस मिश्रा के बचे हुए कार्यकाल में वह उनकी कोर्ट में पैरवी करने के लिए नहीं जाएंगे। आपको बता दें कि सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस के 63 सांसद महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आएं हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा की कोर्ट में कपिल सिब्बल कई अहम मामलों की पैरवी कर चुके हैं।
उच्च मानकों का करता हूं पालन
कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं अब जस्टिस कपिल मिश्रा की कोर्ट में किसी भी मामले की पैरवी नहीं करुंगा। जब तक जस्टिस मिश्रा रिटायर नहीं हो जाते हैं मैं उनकी कोर्ट में नहीं जाउंगा क्योंकि मैं अपने प्रोफेशन में उच्च मानकों का पालन करता हूं। उन्होंने कहा कि अगर सीजेआई रिटायर होने तक काम करते रहते हैं और किसी जांच की शुरुआत की गई तो मैं उनकी कोर्ट में किसी भी मामले की पैरवी करने के लिए नहीं जाउंगा, क्योंकि हम उच्च मापदंडों का पालन करने वाले लोग हैं।
चिदंबरम के सवाल पर दिया ये जवाब
जब कपिल सिब्बल से पूछा गया कि आखिर क्यों उनके अन्य साथी पी चिदंबरम समेत कई लोगों ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए तो उन्होंने कहा कि हमने चिदंबरम से इसपर हस्ताक्षर करने के लिए नहीं कहा था क्योंकि उनके कुछ मामले कोर्ट में लंबित हैं और मैं उनका वकील हूं। सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के लिए यह काफी नुकसानदायक है क्योंकि मैं उनके लिए कोर्ट में अब नहीं जाउंगा।
चेयरमैन के पास नहीं है अधिकार
सीजेआई के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव अगर राज्यसभा के चेयरमैन ने खारिज कर दिया तो क्या करेंगे के जवाब में सिब्बल ने कहा कि उनके पास इस तरह का अधिकार नहीं है। यह जज एक्ट के तहत कमेटी पर निर्भर करेगा कि वह जजों के खिलाफ जांच के मामले में क्या कार्रवाई करती है। ऐसे में उनका यह अधिकार क्षेत्र नहीं है, वह मामले के गुण दोष के आधार पर इसका फैसला नहीं कर सकते हैं और ना ही इसे खारिज कर सकते हैं। वह सिर्फ प्रक्रिया पर फैसला ले सकते हैं।
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