नई संसद के अशोक स्तंभ को लेकर संजय सिंह से भिड़े कपिल मिश्रा, कहा- भगवंत मान वाली दवा पीकर...
नई दिल्ली, 12 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की पर लगे 20 फीट ऊंचे राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ का अनावरण किया। इसे शुद्ध कांस्य से बनाया गया है। लेकिन अब अशोक स्तंभ को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोग इसको लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसको लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
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संजय सिंह ने बताया राष्ट्र विरोधी
संजय सिंह ने अशोक स्तंभ की तस्वीरों को शेयर करते हुए कहा कि मैं 130 करोड़ भारतवासियों से पूछना चाहता हूं राष्ट्रीय चिन्ह बदलने वालों को राष्ट्र विरोधी बोलना चाहिए कि नहीं बोलना चाहिए। संजय सिंह ने अविशेक गोयल के ट्वीटर को रीट्वीट करते हुए यह प्रतिक्रिया दी है। अविशेक गोयल ने अशोक स्तंभ की पुरानी और नई तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, आप स्वत: निष्कर्ष निकालें, नीचे हमारे राष्ट्रीय चिन्ह की 2 तस्वीरें हैं, एक में सिंह जम्मेदार शासक की तरह गंभीर मुद्रा में दिख रहा है और दूसरे में सिर्फ आदमखोर शासक की भूमिका में खौफ फैलाने जैसा।
संजय सिंह पर कपिल मिश्रा का तंज
वहीं संजय सिंह के ट्वीट पर भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने तंज कसा है। कपिल मिश्रा ने संजय सिंह के ट्वीटर पर रिप्लाई देते हुए लिखा, संजय सिंह जी, भगवंत मान जी वाली दवाई पीकर ट्वीट मत किया कीजिए, आप झेल नहीं पाते। अशोक चिन्ह के शेर को आदमखोर कहकर आप केवल खुद की बची खुची इज्जत का केजरीवाल बनवा रहे हो। गौर करने वाली बात है कि पीएम मोदी ने इस विशालकाय अशोक स्तंभ का अनावरण लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और अन्य नेताओं के साथ मिलकर किया था।
6 महीने की मेहनत से तैयार हुआ
जानकारी के अनुसार नए अशोक स्तंभ के चिन्ह को शुद्ध कांसे से बनाया गया है और इसका वजन 16000 किलोग्राम है। इसमे 9500 किलोग्राम उच्च शुद्धता वाले कांस्य का इश्तेमाल किया गया है जबकि 6500 किलोग्राम स्टील का इस्तेमाल इसकी सहायक संरचना के लिए किया गया है। इसकी कुल ऊंचाई 6.5 मीटर है। इस स्तंभ को 100 से अधिक कारीगरों ने 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया है।
8 चरण में तैयार हुई मूर्ति
अशोक स्तंभ की बात करें तो इसे भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह माना जाता है, यह सारनाथ में मिले अशोक की लाट से लिया गया है। इसे सारनाथ संग्रहालय में संरक्षित रखा गया है। इस प्रतीक चिन्ह में चारो ओर शेर का एक वृत्ताकार चेहरा है। इसमे एक हाथी, एक तेजी से दौड़ता हुआ घोड़ा, बैल भी है। यह देखने में काफी विशाल और सुंदर लगता है। संसद भवन में लगे अशोक स्तंभ का निर्माण 8 चरणों में किया गया है।
कैसे तैयार हुआ विशाल अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ के निर्माण से पहले इसका एक कंप्यूटर ग्राफिक स्केच तैयार किया गया है और इसी के आधार पर पहले इसे क्ले मॉडल के तौर पर तैयार किया गया। जिसके बाद जब इस मॉडल को आधिकारिक स्वीकृति मिल गई तो इसका एफपीआर मॉडल बनाया गया और बाद में इसका मोल्ड तैयार किया गया। मोल्ड तैयार होने के बाद इसमे पिघले हुए मोम के साथ कांस्य को डाला गया और मूर्ति को तैयार किया गया। इस मूर्ति को बेहद बारीकी के साथ तैयार किया गया है।
15 अगस्त तक तैयार हो सकता है नया संसद भवन
बता दें कि भारत में इश तरह की कोई दूसरी अशोक स्तंभ की मूर्ति नहीं है। संसद भवन में इस मूर्ति को जमीनी स्तर स 32 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। जिसकी वजह से देखने में काफी भव्य लगता है। गौर करने वाली बात है कि नए संसद भवन का निर्माण इसी साल पूरा होने की उम्मीद है। आजादी के 75वें साल में इसके पूरा होने की उम्मीद है। नए संसद भवन में 1224 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। साथ ही इसे पूरी तरह से पेपर रहित कार्यालय बनाया जाएगा। इस पूरी योजना में 20 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा और इसके निर्माण में 2 हजार लोग सीधे तौर पर 9 हजार लोग अप्रत्यक्ष तरह से जुड़े हैं।