मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद भावुक कमलनाथ ने इंदिरा गांधी को किया याद
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाने के बाद आखिरकार कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। तकरीबन दो घंटे तक चली बैठक के बाद राहुल गांधी ने कमलनाथ और सिंधिया के साथ एक तस्वीर को ट्वीट किया था, जिसमे तीनों नेता मुस्कुराते दिख रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल से इस बात की आधिकारिक घोषणा की गई कि 72 वर्षीय कमलनाथ मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वहीं इस ऐलान के बाद कमलनाथ ने सिंधिया के समर्थन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि यह उनके लिए मील का पत्थर है।
मील का पत्थर
कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद मेरे लिए मील का पत्थर है। 13 दिसंबर को इंदिरा गांधी ने छिंदवाड़ा का दौरा किया था और मुझे लोगों के सामने रखा था। मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुझे समर्थन देने के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। मैंने उनके पिता के साथ काम किया है, इसलिए मैं इस बात को लेकर खुश हूं कि उन्होंने मेरा साथ दिया। कमलनाथ ने कहा कि वह राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से आज मुलाक करेंगे और इसके बाद शपथ ग्रहण की तारीख पर चर्चा करेंगे।
कुर्सी की रेस नहीं
इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कुछ तस्वीरों को साझा किया और लिखा कि यह कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. यह कुर्सी के लिए नहीं है, हम यहां लोगों की सेवा के लिए हैं। मैं भोपाल जा रहा हूं वहां आपको अंतिम फैसले की जानकारी मिल जाएगी। आपको बता दें कि कमलनाथ को बड़ी संख्या में हर समुदाय का समर्थन प्राप्त था, लेकिन सिंधिया का दावा था कि उनके पास अधिक लोगों का समर्थन है। एक सवाल के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या आप प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल, यह मेरे लिए सम्मान की बात होगी।
कर्जमाफी पर दिया ये बयान
प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का ऐलान होने से पहले ही कमलनाथ ने अपने रुख से साफ कर दिया था कि वही प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। मंगलवार की शाम को उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश में विश्वास का नया माहौल है। लेकिन जब कमलनाथ से पूछा गया कि कांग्रेस के उस वायदे का क्या जिसमे कहा गया था कि 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा तो कमलनाथ ने कहा कि पहले सरकार का गठन होने दीजिए।