कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के अखबारों में विज्ञापन देकर कहा- बीजेपी बिजली कटौती के लिए जिम्मेदार
नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में शासित कांग्रेस सरकार बिजली की कटौती को लेकर निशाने पर है। सूबे के सीएम कमलनाथ को इसे लेकर आलोचनाओं का ,सामना करना पड़ रहा है। इसी सिलसिल में कमलनाथ ने बुधवार को लोगों से अफवाहों से सावधान रहने की अपील की। कमलाथ ने अकस्मात बिजली कटौती की वजह पिछली बीजेपी सरकार और मानव निर्मित अवरोधों को बताया।
कमलनाथ ने बीजेपी पर दोष मढ़ा
कमलनाथ ने बुधवार को राज्य के अखबारों में विज्ञापन दिया। उन्होंने विज्ञापन में लिखा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि पिछले कुछ दिनों से बिजली की समस्या के पीछे बिजली की कमी का कोई कारण नहीं है। इसकी वजह पिछले समय में प्रणाली में सुधार नहीं करना और सुचारू आपूर्ति (बिजली) में मानव निर्मित रुकावटें हैं। उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में मांग से ज्यादा बिजली उत्पादन था और इसलिए बिजली की कोई कमी नहीं है। लेकिन उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से बिजली की विफलता के लिए पिछली बीजेपी सरकार को दोषी ठहराया।
बीजेपी फैला रही है प्रोपेगंडा
कमलनाथ के मीडिया कॉर्डिनेटर ने नरेंद्र सालूजा ने कहा कि बीजेपी सोशल मीडिया में जानबूझकर प्रोपेगंडा फैला रही है। जबकि कांग्रेस की सरकार में बिजली की स्थिति सुधरी है। राज्य भर में अकस्मात बिजली कटौती लोकसभा चुनाव के दौरान भी एक प्रमुख मुद्दा था। इस मामले में इंजीनियरों समेत 500 से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों को राज्य भर में निलंबित कर दिया गया था। इनमें से ज्यादातर पश्चिमी क्षेत्र से थे। इन सभी पर लापरवाही के तहत कार्रवाई की गई।
बीजेपी ने लोकसभा में बनाया मुद्दा
बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लोकसभा चुनाव में बिजली कटौती के विरोध में चिमनी रैलियां निकाली। इन्होंने सिहोर और भोपाल में ऐसी रैलियां निकालकर लोगों को दिग्विजय सिंह के सरकार की याद दिलाई, जब बिजली की समस्या होती थी। इसके बाद कमलनाथ सरकार पर लगातार दबाव बढ़ा और पिछले कुछ समय में कई समीक्षा बैठक की गई। पिछले कुछ दिनों में सीएम कमलनाथ ने कम से कम दो समीक्षा बैठकों में भाग लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह युग के लोगों को याद दिलाने के लिए लोकसभा के लिए अपने अभियान के दौरान सीहोर और भोपाल में im चिमनी रैलियां 'निकालीं। वे सरकार पर तब से हमले कर रहे हैं जब लोकसभा चुनावों में सरकार पर दबाव बढ़ गया था और पिछले कुछ दिनों में कई बैठकों की समीक्षा की गई थी।
कमलनाथ ने अपनाया कड़ा रूख
पिछले कुछ दिनों में सीएम कमलनाथ ने कम से कम दो समीक्षा बैठकों में भाग लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी। राज्य बीजेपी के उपाध्यक्ष विजेश लुणावत ने कहा, "अगर कांग्रेस के शासनकाल के दौरान स्थिति में सुधार हुआ है तो सीएम ने अधिकारियों को चेतावनी क्यों दी और उनकी ही पार्टी के विधायक अनिर्दिष्ट बिजली कटौती की शिकायत क्यों कर रहे हैं।