कांग्रेस से इस्तीफे के बाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी ने इस्तीफा दे दिया है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। सिंधिया समर्थक 19 विधायकों ने भी अपने इस्तीफे राज्यपाल को भेज दिए हैं। इन विधायकों में कमलनाथ सरकार के छह मंत्री शामिल हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से इस्तीफे के बाद ही विधायकों ने अगला कदम उठाते हुए इस्तीफा सौंप दिया। अब माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो सकते हैं। पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है और केंद्र में मंत्री भी बना सकती है।
ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया होली के दिन मंगलवार सुबह करीब 10:45 बजे अपनी कार खुद ड्राइव करते हुए गुजरात भवन पहुंचे। यहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उन्हें अपने साथ 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास लेकर गए। यहां अमित शाह की मौजूदगी में सिंधिया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। वे शाह की कार में ही गुजरात भवन लौटे। इस मुलाकात के बाद दोपहर 12.10 बजे ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
नवंबर में दे दिए थे संकेत
बता दें, करीब 4 महीने पहले 25 नवंबर 2019 को ज्योतिरादित्य ने ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटाकर ही इस बात के संकेत दे दिए थे। उन्होंने ट्वीटर पर केवल जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी लिखा था। 9 मार्च को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे थे, तभी 6 मंत्रियों समेत सिंधिया गुट के 17 विधायक बेंगलुरु चले गए थे। इससे साफ हो गया कि सिंधिया अपनी राहें अलग करने जा रहे हैं।
भाजपा में शामिल हो सकते हैं ज्योतिरादित्य
26 मार्च को होने वाले राज्यसभा के चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा की एक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक मंगलवार शाम को होने वाली है। भाजपा के एक पदाधिकारी के मुताबिक, "अब तक यह संभावना है कि वह औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे और उनका नाम मध्य प्रदेश में भाजपा की ओर से उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया जा सकता है।" राज्य से खाली हो रही तीन सीटों को भरने के लिए चुनाव होंगे। भाजपा और कांग्रेस दोनों एक-एक सीट पर नजर गड़ाए हुए थीं, दोनों पार्टियां तीसरी सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार थीं। राज्य में परिवर्तन के साथ-साथ राज्यसभा चुनावों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। केंद्र में सिंधिया की भूमिका के बारे में अटकलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर करते हुए भाजपा के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा, "अभी, राज्य में क्या होगा, इस पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जब फ्लोर टेस्ट की जरूरत है, इसके बाद तय होगा कौन प्रभारी होगा।
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