झारखंड: भाजपा को लगा झटका, बीच चुनाव में एक और बड़े नेता ने छोड़ी पार्टी
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रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच में ही प्रदेश भाजपा इकाई को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने रविवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। अब वह एनपीपी के टिकट पर झारखंड की नाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। प्रवीण प्रभाकर पांच पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। वह आजसू के संस्थापक सदस्यों में भी शुमार रहे। बताया जाता है कि वह टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे थे।
बीजेपी छोड़ने के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि, उन्हें भाजपा से कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है, लेकिन झारखंड में भाजपा को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। भाजपा में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मार्गदर्शन में मुझे काफी कुछ सीखने को मिला है। उनके नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन झारखंड की जनता की आकांक्षाओं पर आघात लगातार जारी है। मैंने झारखंड आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और एक बेहतर झारखंड के निर्माण के लिए आजीवन संघर्ष करता रहूंगा।
नई दिल्ली में आयोजित नेशनल पीपुल्स पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मेघालय के मुख्यमंत्री व एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीके संगमा तथा सांसद अगाथा संगमा समेत अन्य नेताओं ने प्रवीण प्रभाकर का पार्टी में स्वागत किया। इस अवसर पर मेघालय के गृहमंत्री जेम्स संगमा तथा पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राज कुमार पोद्दार समेत कई नेता उपस्थित थे। एनपीपी को हाल में ही चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्रदान की है। एनपीपी समेत पूरे देश में मात्र आठ पार्टियों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल की मान्यता प्राप्त है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सी.के. संगमा ने कहा, 'दिवंगत पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा ने वर्ष 2013 में एनपीपी की स्थापना की थी। उनका सपना था कि एनपीपी पूर्वोत्तर तक सीमित न होकर राष्ट्रीय दल बने और अन्य राज्यों में भी वंचितों के लिए काम करे। प्रवीण प्रभाकर झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता व भाजपा प्रवक्ता रहे हैं। उनके एनपीपी में शामिल होने से झारखंड समेत भारत के अन्य राज्यों में पार्टी का जनाधार फैलेगा।
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