Janta Curfew: आज शाम 5 बजे थाली या ताली बजाने को क्यों कहा PM मोदी ने, क्या है इसके पीछे का कारण?
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह सात बजे से रात के नौ बजे तक 'जनता कर्फ्यू' का ऐलान किया है, इतना ही नहीं पीएम मोदी ने शाम पांच बजे सभी लोगों से अपने बालकनी में खड़े होकर ताली और थाली बजाने की अपील की है, ये दरअसल उन लोगों के लिए हौसला अफजाई होगा जो इस संकट की घड़ी में भी आम लोगों को सुरक्षित रखने के लिए घर से बाहर निकलकर काम कर रहे है, इतना ही नहीं उन्होंने लोगों से अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जुटे डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, मीडियाकर्मियों को धन्यवाद अर्पित करने का आह्वान किया है।

थाली या ताली बजाने को क्यों कहा PM मोदी ने?
अब इसके पीछे पीएम मोदी शायद ये संदेश देना चाह रहे हैं कि संकट की इस घड़ी में पूरा देश एक है तो वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री धन्यवाद देने के बहाने पूरे देश को जागरूक करना चाहते हैं, जबकि कुछ लोगों ने इसका इटली कनेक्शन जोड़ दिया है क्योंकि चीन के बाद कोरोना ने सबसे ज्यादा अभी तक इटली में ही तबाही मचाई है।

कोरोना के डर को दूर भगाने की कोशिश
और वहां कोरोनावायरस से फैले डर के बीच मनोबल बढ़ाने के लिए इटलीवासी बालकनी में खड़े होकर गाना गा रहे हैं, म्यूजिक बजा रहे ैहं, जिससे लोगों का मनोबल बढ़े, शायद पीएम मोदी भी यही चाहते हैं कि देश के लोग ताली या थाली बजाकर कोरोना के डर को दूर भगाए।

थाली बजाने की परंपरा बरसों पुरानी है...
तो वहीं धर्म के जानकारों ने इसे पुरानी परंपराओं से जोड़ दिया है, हमारे देश में बच्चे के जन्म के वक्त थाली-चम्मच बजाने की परंपरा है तो वहीं दिवाली की आधी रात बीत जाने पर ब्रह्म मुहूर्त में घर की महिला सूप को पीटती हैं और ध्वनि के जरिए मां लक्ष्मी को घर में आने की और घर से कलह-दरिद्रता को बाहर जाने की प्रार्थना करती हैं, कुल मिलाकर ध्वनि का होना उत्साह, साहस, खुशी और एकजुटता का प्रतीक है, और जहां ये सारी बातें होती हैं, वहां डर, खौफ और दहशत का कोई काम नहीं होता है और जब इंसान के मन में डर नहीं होता है तो इंसान हर समस्या का सामना कर लेता है।

ध्वनि का प्रभाव इंसानी शरीर पर पड़ता है...
कोरोना को लेकर लोगों के अंदर खौफ है और शायद पीएम मोदी उस खौफ को दूर करने के लिए ही ताली-थाली का आइडिया लेकर आएं हैं, वैसे यहां आपको हम एक बात और बता दें कि वैज्ञानिकों का भी मानना है कि ध्वनि का प्रभाव इंसानी शरीर पर पड़ता है, ध्वनि का कंपन का मानव के दिल और दिमाग पर असर होता है।

निगेटिव एनर्जी दूर होती है...
'ऊं' का उच्चारण और 'शंख' का बजाना इसके साक्षात उदाहरण है, जिनका सकारात्मक प्रभाव इंसानी शरीर पर पड़ता है, इससे निगेटिव एनर्जी दूर होती है और इसी वजह से मंदिरों में घंटे को बजाए जाता है, इसलिए हो सकता है कि पीएम मोदी ताली-थाली की आवाज से इंसान के आस-पास की निगेटिव एनर्जी को दूर करना चाह रहे हों, क्योंकि इंसान आधी जंग तो तब ही जीत लेता है, जब वो नकारात्मक चीजों को अपने से हटा देता है।

जानिए 'कोरोना वायरस' से जुड़ी ये बेहद खास बातें
- कोरोना वायरस एक श्वास संबंधी बीमारी है और किसी संक्रमित व्यक्ति की छींक, खांसी, थूक से हवा के जरिए दूसरे लोगों तक पहुंचती है, WHO के मुताबिक किसी भी चीज की सतह पर कोरोना वायरस कितनी देर टिका रहेगा ये उस जगह के तापमान और आर्द्रता पर निर्भर करता है।
- अगर किसी सतह पर वायरस मौजूद है तो उसके जरिए ये वायरस किसी व्यक्ति में फैल सकता है इसलिए बार-बार कहा जा रहा है कि आप बाहर से आने या बाहर की चीजें छूने के बाद हाथ जरूर धोएं।
- मोबाइल फोन में शीशा, प्लास्टिक और एल्युमिनियम होता है इसलिए इससे भी संक्रमण का खतरा है इसलिए अपने फोन को भी सेनेटाइज कीजिए।
- घर और अपने आस-पास की चीजों को स्वच्छ रखिए।
- ना हाथ मिलाएं और ना गले मिले।