जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पाल की
मुंबई। जन्माष्ट्मी एक ऐसा पर्व जिस दौरान पूरे देश में कृष्ण भगवान के जन्मदिवस की खुशिया मनाई जाती हैं, घरों में मिठाइयां बनती हैं, बच्चें मिठाइयों के इंतजार में रात चांद दिखने तक नहीं सोते हैं। क्योंकि मिठाइयां जो मिलेंगी। कई परिवार जन्माष्टमी पर वृत रखते हैं औऱ कृष्ण भगवान के जन्मदिवस पर अपने बच्चों के लिए कामना करते हैं। देश में विविभन्न तरीके से इस पर्व को मनाया जाता है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर जन्माष्टमी पर्व के दौरान दही या कहें मक्खन से भरी हुई हांडी फोड़ने का चलन है।
इस मौके पर दही हांडी पर्व अद्भुत होता है। लोगों की जबान पर जय कन्हिया लाल की हाथी घोड़ा पाल की ही रटा होता है। सभी लोग कन्हिया की जय करते हुए इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। आज मुंबई और पुणे में इस पर्व को कुछ इस तरह मनाया जाएगा कि बच्चे, युवा, महिला, बूढ़े सभी एक मैदान पर एकत्र होते हैं, युवकों की मंडलियों के बीच हांडी फोड़ने की प्रतियोगिता होती है। यह पर्व अलग-अलग सोसायटी में भी मनाया जाता है और सभी सोसायटी एक साथ मिलकर भी मनाते हैं। यानी छोटे-बड़े दोनों स्तरों पर इस दही हांडी उत्सव का आनन्द लोग उठाते हैं।
सभी मंडलियों के पास चैलेंज होता है कि मानवीय पिरामिड बनाकर काफी ऊंचाई पर टंगी मटकी को फोड़ देगा उसे घोषित इनाम दिया जाता है। इसलिए मानवीय पिरमिड बनाकर ऊंचाई पर टंगी दही की छोटी मटकी को फोड़ना होता है।