उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर साधा निशाना- कहा- 600 जवान शहीद होने के बाद आया गठबंधन तोड़ने का ख्याल
नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से गठबंधन तोड़कर महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया। इस फैसले के बाद शिवसेना ने अपनी सहयोगी भाजपा पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए 3.5 साल का समय लगा। 600 से ज्यादा सैनिक शहीद हो गए, इसके बाद आपको अहसास हुआ कि आपको समर्थन वापस लेना चाहिए।''
भाजपा पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि, 'जब आपको पता है कि सरकार कैसा काम कर रही है तो आप इतने लंबे किसी सरकार को कैसे समर्थन दे सकते हो।'
It took you 3.5 years & sacrifice of around 600 soldiers to realise that you should take back your support in #JammuAndKashmir. When you know how that govt functions, how could you even support them for so long: Uddhav Thackeray, Shiv Sena on BJP calling off alliance with PDP pic.twitter.com/V7XxjuT6oB
— ANI (@ANI) June 19, 2018
भाजपा पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पवार जी ने विपक्ष ने जुड़ने का ऑफर दिया है। इसका मतलब ये है कि हर कोई महसूस कर रहा है कि हम कितने मजबूत हैं। लोग हमसे पूछते हैं कि हम सरकार में होने के बाद भी सरकार की आलोचना क्यों करते हैं। ये हमारी राजनीति है। ये हम तय करेंगी कि हमें क्या करना है।''
There were reports that Pawar Ji offered us to join United opposition. It shows everyone is realising how strong we've become. People ask us why we're still in power after criticising govt. This is our politics & we'll decide what we want to do: Uddhav Thackeray, Shiv Sena pic.twitter.com/deZ7xlAzpo
— ANI (@ANI) June 19, 2018
राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजने के बाद जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा के साथ उन्होंने जम्मू कश्मीर को लोगों के मुश्किल से निकालने के लिए हाथ मिलाया था क्योंकि भाजपा बड़ी ताकत है। हमारे गठबंधन का मकसद कश्मीर में लोगों के साथ बातचीत और पाकिस्तान के साथ अच्छा रिश्ता रहे। उन्होंने कहा कि हमने धारा 370 को बचाया और सूबे के बच्चों से काफी मुकदमें भी हटवाए, ये ही हमारा एजेंडा था और हम उसमें कामयाब रहे।
यह भी पढ़ें- कर्नाटक: सीएम कुमारस्वामी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट शेयर करना कांस्टेबल को पड़ा महंगा