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मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने अलग केंद्र शासित प्रदेश

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Amit Shah का बड़ा ऐलान- जम्मू-कश्मीर बना केंद्र शासित प्रदेश

नई दिल्‍ली। जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा कर दी है। नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को भी केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है। इतना ही नहीं लद्दाख भी जम्‍मू-कश्‍मीर से अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।

मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बने अलग केंद्र शासित प्रदेश

लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें।

सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा 'कश्मीर में लोकतंत्र खतरे में है। कश्मीर में शांति खतरे पर है। ये लोकतंत्र की हत्या है। एक साजिश केन्द्र सरकार कर रही है। कश्मीर में पर्यटन के सबसे उपयुक्त समय पर पर्यटकों को वापस बुला रही है सरकार।'

आखिर क्या है धारा 370?

जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा, इसका मसौदा जम्मू-कश्मीर की सरकार ने ही तैयार किया था। जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया।

धारा 370 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं। संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है।

रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर केंद्र के कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते। केंद्र का कानून लागू करने के लिये जम्मू-कश्मीर विधानसभा से सहमति ज़रूरी। वित्तीय आपातकाल के लिए संविधान की धारा 360 जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं। धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते। कश्मीर में हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण नहीं मिलता। जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता है। धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं, 6 वर्ष होता है।

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English summary
Jammu and Kashmir, Ladakh to be Union Territories.
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