चांद पर दूसरा चंद्रयान भेजने की तैयारी में ISRO, बनाने में आई 800 करोड़ की लागत, जानें सबकुछ
चंद्रयान-1 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और चंद्रयान चांद पर भेजने की तैयारी में है। इससे पहले साल 2008 में भेजा गया चंद्रयान-1 सफल रहा था। 386 करोड़ की लागत से चंद्रयान-1 को भारत में ही बनाया गया था, वहीं चंद्रयान-2 भी पूरी तरह से मेड इन इंडिया है।
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नई दिल्ली। चंद्रयान-1 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और चंद्रयान चांद पर भेजने की तैयारी में है। इससे पहले साल 2008 में भेजा गया चंद्रयान-1 सफल रहा था। 386 करोड़ की लागत से चंद्रयान-1 को भारत में ही बनाया गया था, वहीं चंद्रयान-2 भी पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। इसरो के अनुसार, चंद्रयान 2 एक पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है जिसमें ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल होंगे।
इसरो का चंद्रयान-2 में 800 करोड़ की लागत आई है। जहां सैटेलाइट को बनाने में 600 करोड़ रुपये का खर्चा आया तो वहीं इसे लॉन्च करने में 200 करोड़ रुपये लगेंगे। चंद्रयान-2 को इस साल अक्टूबर-नंवबर में श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान की खासियत की बात करें तो 100 किलोमीटर लूनार ऑर्बिट में पहुंचने के बाद रोवर को रखने वाला लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा इसके बाद लैंडर एक तय समय पर चांद पर लैंड करेगा और 6 पहिये वाले रोवर को भेजेगा।
रोवल इसके बाद लैंड की गई साइट पर चारों तरफ घूमकर जानकारी इकट्ठी करेगा। इस जानकारी से चांद पर मौजूद मिट्टी के बारे में जांच की जाएगी। चंद्रयान-2 चांद पर घूमकर लूनाप टोपोग्राफी, मिनरलॉजी, एलिमेंटल एबनडंस, लूनार एक्सपोजर के बारे में भी जानकारी इकट्ठी करेगा। इसरो के चंद्रयान-2 का वजन 3920 किलो है।